6 साल की बच्ची पिता की शिकायत करने 10 किलो मीटर पैदल चली, जानिए वजह

Chhattisgarh Crimes

केंद्रपाड़ा। कोशिश करने वालों की हार नहीं. होती ये पंक्तिया चरितार्थ की हैं ओडिशा की एक छह साल की बच्ची ने. जिसने हैरतअंगेज काम करते हुए अपना हक हासिल किया. मासूम बच्ची अपने पिता की शिकायत करने दस किलोमीटर का सफर पैदल तय करके कलेक्टर के दफ्तर पहुंची थी. पहाड़ी रास्ते का लंबा सफर आसान नहीं था लेकिन हौसलों की पक्की इस बेटी ने न सिर्फ अपने हिस्से का राशन पाया वहीं बड़े-बड़ों के सामने वो मिसाल पेश कर दी.

खराब खाना देने का आरोप

बच्ची ने जिले के कलेक्टर को बताया कि उसके पिता उसे खराब खाना देते हैं. जबकि सरकार से मिलने वाला राशन और मदद की धनराशि से वो बेटी पर कुछ भी खर्च नहीं करते. छोटी बच्ची की शिकायत पर आनन-फानन में कार्रवाई हुई और उसके पिता को फटकार लगाते हुए नसीहत दी गई.

जिलाधीश ने लिया ये एक्शन

शिकायत के बाद डीएम ने बच्ची के नाम पर जारी होने वाली धनराशि उसके ही खाते में जमा करने और अभी तक सरकारी सहायता से मिले चावल और रुपए भी उसके पिता से लेकर बच्ची को देने का आदेश दिया गया है.

सरकार मदद छीन रहा था पिता

मासूम बच्ची सरकारी स्कूल में पढ़ती है. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में नन्हे-मुन्नों को दोपहर में मिलने वाला भोजन बंद हो गया था. तब राज्य सरकार ने मिड डे मील बंद होने पर बच्चों के नाम रोजाना आठ रुपए उनके माता-पिता के खाते में भेजेने की शुरूआत की थी. वहीं हर बच्चे के लिए रोजाना 150 ग्राम चावल देने की व्यवस्था शुरू हुई थी.

इस वजह से पिता ने किया अन्याय

स्थानीय पुलिस के मुताबिक बच्ची के पिता उसके साथ नहीं रहते. कुछ साल पहले मां का साया उठा तो पिता ने दूसरी शादी कर ली, तब मामा ने सहारा दिया. उसके पास बैंक खाता होने के बावजूद सरकारी मदद का पैसा पिता के खाते में जा रहा था. वहीं पिता, बेटी को स्कूल से मिलने वाले मिड डे मील का चावल भी ले रहा था लेकिन उसे बेटी तक नहीं पहुंचने देता था.