मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगाई कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे प्रदेश में पुन्नी स्नान कहते हैं। इसी परंपरा के निर्वहन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार तड़के रायपुर में खारुन नदी के तट पर पहुंचे और महादेव घाट पर स्नान किया। साथ ही गुलाटी मारकर डुबकी लगाई। इसके बाद दीपदान कर प्रदेशवासियों को बधाई दी और खुशहाली व सुख समृद्धि की कामना की।

स्नान के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हटकेश्वर महादेव पहुंचे और वहां पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा, जैसे सावन में महीनेभर शिवजी की पूजा और अराधना की जाती है। वैसे ही कार्तिक मास में नदी और तालाबों में स्नान कर सूर्योदय से पहले पूजा की जाती है। इसका विशेष महत्व है। आज ही के दिन से प्रदेश में मेलों की परंपरा की शुरूआत होती है। रायपुर में महादेव घाट पर पुन्नी मेला लगता है।

मुख्यमंत्री बघेल ने अपने बचपन के दिनों को याद कर कहा कि बाल काल में नदियों-तालाबों में काफी स्नान किया। स्कूल-कॉलेज तक तो होता ही रहा है। अब भले ही प्रैक्टिस नहीं रही हो, लेकिन अनुभव तो काम आता ही है। उन्होंने कहा, हर साल कार्तिक स्नान को लेकर लोगों में अलग ही उत्साह रहता है। खास तौर पर बच्चों में। स्नान के बाद बच्चे थाली सजा कर शिव मंदिर कार्तिक पूर्णिमा में जाते हैं।

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