एफआईआर लिखकर नहीं, अब बोलकर, थानों में लग रहा सिस्टम

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। शहर के थानों में आनलाइन केस दर्ज करने अब टाइप करने की झंझट खत्म हो गई। फरियादी अपनी आवाज में जो भी बोलेंगे, वह कंप्यूटर में दर्ज हो जाएगा और उसी रिपोर्ट के आधार पर केस फाइल होगा। इसकी शुरूआत सिविल लाइंस थाने से हो चुकी है। अब जिले के 32 थानों में यह सिस्टम लगाया जाएगा। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम के तहत सिविल लाइंस थाने में वॉइस टू टेक्स्ट डिवाइस लगाया गया है। उससे पुलिस जवानों के मोबाइल को कंप्यूटर सिस्टम से कनेक्ट किया गया है, जिससे मोबाइल से आवाज सीधे कंप्यूटर तक पहुंच रही है। फरियादी मोबाइल पर घटना को अपनी आवाज में बोलता है और कंप्यूटर में टाइप हो जाता है।

रोज हजारों शब्द टाइप करने पड़ते थे

अफसरों के मुताबिक जिलेभर के अधिकतर थानों में रोज दो-तीन एफआईआर दर्ज होती है। अपराध की जांच, मर्ग जांच समेत अन्य मामलों को भी कंप्यूटर पर दर्ज करना होता है। इस हिसाब से रोज एक हजार से अधिक शब्द रोज टाइप करने पड़ते हैं, लेकिन वॉइस टू टेक्स्ट डिवाइस लगने के बाद लिखने से मुक्ति मिल जाएगी।

थानों को ये हो रहा फायदा

अफसरों के मुताबिक वाइस टू टेक्स्ट डिवाइस लगने के बाद से सिविल लाइंस थाने में आॅनलाइन एफआईआर, विवेचना रिपोर्ट, बदमाशों की डिटेल, बदमाशों की गिरफ्तारी, मादक पदार्थ जब्ती समेत अन्य डेटा बनाने के लिए आॅपरेटरों पर निर्भरता कम हो गई है। सभी विवेचक और पुलिसकर्मी सीधे अपने मोबाइल को कंप्यूटर से कनेक्ट कर, बोल कर टाइप करने लगे हैं। इधर, फरियादियों को भी राहत रहेगी कि उसकी लिखित शिकायत को बदलने की आशंका नहीं रह जाएगी।

एक डिवाइस लगाने में हफ्तेभर का वक्त

सीसीटीएनएस के अफसरों ने बताया कि रायपुर जिले के प्रत्येक थाने में वॉइस टू टेक्स्ट डिवाइस सिस्टम को लगाकर इंस्टॉल करने में हफ्तेभर का समय लग रहा है। ऐसे में 32 थानों में इस डिवाइस को लगाने में महीनेभर का वक्त लगेगा। इसके बाद इस सुविधा का पुलिसकर्मियों और फरियादियों को लाभ मिलेगा।

बाकी थानों में भी होगी ये सुविधा

सिविल लाइंस थाने में वॉइस टू टेस्ट सिस्टम लगा दिया गया है। यहां फरियादी बोल कर अपनी एफआईआर दर्ज करा रहे हैं। अन्य थानों में भी जल्द यह सुविधा होगी।

– अजय यादव, एसएसपी, रायपुर