छत्तीसगढ़ के रायपुर में सरकार की रीति और नीति में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अफसरों की कमी होते जा रही है। स्थिति यह है कि राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ में कभी भी आईएएस अफसरों के लिए स्वीकृत पद के बराबर अफसर ही नहीं रहे हैं।वहीं सेवानिवृत्त होने के मुकाबले में अफसर भी कम मिले हैं। इसका असर कहीं न कहीं सरकारी कामकाज पर दिखाई देता है। यही वजह है कि कई आईएएस अफसर ऐसे हैं, जिनके पास 5 से 6 विभाग की जिम्मेदारी है।
आईएएस अफसरों के कुल 202 पद स्वीकृत
छत्तीसगढ़ में आईएएस अफसरों के कुल 202 पद स्वीकृत हैं। इनमें से कुल 141 पद सीधी भर्ती से तथा 61 पद राज्य प्रशासनिक सेवा, गैर राज्य प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति व चयन द्वारा नियुक्ति से भरे जाने वाले पद है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 159 आईएएस अफसर ही कार्यरत हैं।
दागी अफसर भी कर रहे काम
प्रदेश में आईएएस अफसरों की कमी के बीच दागी अफसर भी काम कर रहे हैं। प्रदेश में ऐसे 27 आईएएस अफसर है, जिनके खिलाफ ईओडब्ल्यू और एसीबी में 11 अपराध दर्ज है। एक मामले में प्रारंभिक जांच हुई है और 31 शिकायतों को पंजीबद्ध किया गया है। ये शिकायतें कांग्रेस-भाजपा के नेताओं के अलावा आम जनता ने भी की है।
ये अफसर प्रतिनियुक्ति पर
अमित अग्रवाल, निधि छिब्बर, विकासशील, मनिन्दर कौर द्विवेदी, गौरव द्विवेदी, संगीता पी., प्रसन्ना आर., एलेक्स पॉल मेनन, केसी देवासेनापति, नीरज कुमार बनसोड़, तंबोली अय्याज फकीरभाई, सौरभ कुमार, शिव अनंत तायल, नम्रता गांधी, ऋचा प्रकाश चौधरी।