छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने जगदलपुर में एक लेक्चरर बेटे की जमकर क्लास लगाई है। यहां दो भाइयों के बीच पुस्तैनी जमीन और मां की सेवा करने को लेकर जनसुनवाई थी। जिसमें बड़े बेटे का तर्क था कि, मेरी मां मर गई थी, मैंने उन्हें जिंदा किया है। बेटे ने कहा कि, जब मैं पांचवीं क्लास में था तब मेरे पैसों से पिताजी ने जमीन खरीदी थी।
बेटे के इस तर्क पर किरणमयी नायक ने उन्हें जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि बकवास मत करो। आप को शर्म आनी चाहिए। शिक्षक के नाम पर कलंक हो। मां की सेवा करने और गरीब किसान भाई की मदद करने की बजाय संपत्ति हड़प लिए हो। शिक्षक होकर भी ऐसा कृत्य कर रहे हो तो बच्चों और समाज को क्या शिक्षा दोगे?
ये है पूरा मामला
दरअसल, मामला बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक का है। 90 साल की महिला अपने छोटे किसान बेटे के साथ रह रही थी। लेकिन करीब साल-डेढ़ साल पहले लेक्चरर बेटा अपनी मां को अपने साथ ले गया था। उसके बुढ़ापे और शिक्षित न होने का फायदा उठाकर उसने गांव की करीब डेढ़ एकड़ पैतृक जमीन और पैतृक मकान को अपने नाम करवा लिया।
2 भाइयों के बीच हुआ विवाद
जब छोटे बेटे को इसकी जानकारी मिली तो उसने इसपर ऑब्जेक्शन उठाया तो दोनों भाइयों के बीच विवाद शुरू हो गया था। बड़े बेटे ने अपने छोटे किसान भाई को सबक सिखाने के लिए मां के नाम पर राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज करवा दी थी। वहीं आज 26 जून को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक समेत सदस्यों ने जनसुनवाई रखी। जिसमें इस प्रकरण पर सुनवाई हुई।
मां के नाम से दर्ज करवाया फर्जी मामला
किरणमयी नायक ने कहा कि, यह जरूरी नहीं कि हर बार महिला के नाम पर लगाया गया आवेदन ही सही हो। कई बार उसके पीछे भी बहुत सी कहानियां छिपी हुई होती है। इस प्रकरण में भी कुछ ऐसा ही था। बड़े बेटे ने मां के नाम पर 1 एकड़ 60 डिसमिल जमीन को अपने नाम करवा लिया। गांव के पुस्तैनी मकान को भी अपने नाम करवा लिया है।
मां की तरफ से आयोग में जबरन फर्जी मामला प्रस्तुत करवाया है। इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। ताकि इसके आधार पर की गई रजिस्ट्री को शून्य करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि आयोग के पास आए हर एक मामले में निष्पक्ष रूप से सुनवाई की जाती है। आज के प्रकरण में भी यही हुआ है।
जगदलपुर में 9वीं जनसुनवाई
किरणमयी नायक ने कहा कि, मेरे साथ राज्य महिला आयोग की सदस्य लक्ष्मी वर्मा, सरला केसरिया, दीपिका सोरी और ओजस्वी मंडावी समेत अन्य सदस्य भी हैं। जगदलपुर में 9वीं और राज्य में 333 सुनवाई हुई है। आज जगदलपुर की सुनवाई में कुल 8 मामले आए हैं।