संसदीय सचिव के जन्मदिन समारोह के लिए प्रशासनिक मशीनरी को झोंकना कांग्रेस के सत्तावादी चरित्र की शर्मनाक क़रतूत : भाजपा

भाजपा प्रवक्ता ने कहा- कांग्रेस विधायक के जन्मदिन का सरकारीकरण कर प्रदेश सरकार प्रशासन का राजनीतिक इस्तेमाल करना चाहती थी

दरी बिछाने, जलपान व्यवस्था करने जैसे छोटे कामों के लिए भी अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने बाक़ायदा लिखित आदेश जारी किया गया था!

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने संसदीय सचिव और कसडोल की कांग्रेस विधायक शकुंतला साहू के जन्मदिन समारोह के सरकारी करण को लेकर प्रदेश सरकार पर प्रशासन के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस सरकारी मशीनरी का किस तरह दुरुपयोग और राजनीतिकरण करने की आदी है, यह इस आयोजन में सरकारी अमले को झोंककर उसने ज़ाहिर कर दिया है। भाजपा के सख़्त एतराज़ के बाद हालाँकि यह समारोह रद्द कर दिया गया, लेकिन इससे कांग्रेस के सत्तावादी चरित्र का शर्मनाक परिचय प्रदेश को मिल गया है।

उन्होंने कहा कि संसदीय सचिव व कसडोल की कांग्रेस विधायक के जन्मदिन समारोह के सरकारीकरण को लेकर हुई फजीहत के बाद आयोजन रद्द कर दिया जाना इस बात की तस्दीक़ करता है कि कांग्रेस सत्ता की धौंस दिखाकर प्रशासन का दुरुपयोग करने में ज़रा भी शर्म महसूस नहीं करती। कांग्रेस की प्रदेश सरकार की यह क़रतूत बेहद शर्मनाक है कि जन्मदिवस समारोह में दरी बिछाने, जलपान व्यवस्था करने जैसे छोटे कामों के लिए भी अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई थी! इस संबंध में बाक़ायदा जनपद पंचायत पलारी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने लिखित आदेश जारी कर दिया था। लिखित आदेश सोशल मीडिया में वायरल होते ही जमकर फजीहत हुई। रविवार 07 फ़रवरी को विधायक शकुंतला साहू के जन्मदिन पर जनपद पंचायत पलारी में बड़ा आयोजन तय किया गया था।

प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि प्रशासन को अपना ज़रख़रीद ग़ुलाम मानना कांग्रेस के सत्तावादी अहंकार और राजनीतिक चरित्र का मानसिक विकार है जिसका प्रदर्शन करके कांग्रेस के लोग जब-तब राजनीतिक और प्रशासनिक मर्यादाओं की धज्जियाँ उड़ाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोजन में शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाये जाने के कारण बीजेपी के पूर्व मंत्री केदार कश्यप की आपत्ति और मीडिया में खबर वायरल होने के बाद कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लिया और पलारी में आयोजित जन्मदिवस समारोह को ही निरस्त कर दिया, अन्यथा इससे प्रदेश में ग़लत परम्परा पड़ जाती।