गढ़चिरौली। महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में देर रात हुई एक मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, अभी तक 6 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं। गढ़चिरौली के DIG संदीप पाटिल ने इसकी पुष्टि की है। अभी भी C-60 कमांडोज और नक्सलियों के बीच रुक-रुक के फायरिंग जारी है। पाटिल के मुताबिक, 6 नक्सलियों के शव महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर स्थित गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली के कटीमा के जंगल से बरामद हुए हैं।
थाना उड़ाने का नक्सलियों ने किया था प्रयास
नक्सलियों ने पिछले महीने गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली तालुका के गुट्टा पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका था। विस्फोट नहीं होने के कारण हादसा टल गया। हालांकि, नक्सलियों द्वारा थाने को उड़ाने की कोशिश को एक बड़ी घटना माना जा रहा था। माना जा रहा है कि इसी के बाद C-60 कमांडोज ने यह कार्रवाई की है।
कौन हैं C-60 एंटी नक्सल कमांडो
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थी। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन SP केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को C-60 की स्थापना की। उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग।
प्रशासनिक कामकाज भी करते हैं C-60 कमांडो
इन कमांडो को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें दिन-रात किसी भी समय कार्रवाई करने के लिए ट्रेंड किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, NSG कैंप मनेसर, कांकेर, हजारीबाद में होती है। नक्सल विरोधी अभियान के अलावा ये जवान नक्सलियों के परिवार, नाते-रिश्तेदारों से मिलकर उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम भी करते हैं। नक्सली इलाकों में ये प्रशासनिक समस्याओं की जानकारी भी जुटाते हैं।