रायपुर। स्वस्थ होने के बाद आज भगवान जगन्नाथ, भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसी के घर जाएंगे। कोविड गाइडलाइन के अनुसार रथ नगर भ्रमण के लिए नहीं निकाला जाएगा। मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए भगवान के दर्शन करने व्यवस्था बनाई गई है।
गायत्रीनगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में सुबह 5 बजे से पूजा-अनुष्ठान शुरू हो गया, यह क्रम दोपहर तक जारी रहेगा। सुबह 7 बजे भगवान का अभिषेक करने के बाद आरती हुआ। मंदिर समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने बताया हर साल राज्यपाल और मुख्यमंत्री छेरा-पहरा, रथ के आगे सोने की झाड़ू से बुहारने की रस्म निभाते हैं।
इस बार भी निमंत्रण दिया गया है। कोरोना नियमों के चलते रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी। मंदिर परिसर में ही बने गुंडीचा मंदिर में भगवान को ले जाया जाएगा। सभी अनुष्ठान मंदिर में भीतर ही होंगे। मंदिर में भीड़ न हो इसके लिए एक बार में 4 से 5 लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। मंदिर पहुंचे भक्तों में गजा मूंग का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
मंदिर परिसर में कर सकेंगे दर्शन
इस बार भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर में रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे। दूधाधारी मठ के अंतर्गत संचालित 400 साल से अधिक पुराने मंदिर में रथयात्रा की परंपरा मंदिर निर्माण के समय से ही निभाई जा रही है। मठ के महंत राजेश्री रामसुंदर दास ने बताया कि इस साल कोरोना महामारी के चलते सादगी से उत्सव मनाया जाएगा। सुबह भगवान का श्रृंगार कर 12 बजे हवन किया जाएगा। दोपहर बाद भगवान को रथ पर विराजित करने की औपचारिकता निभाई जाएगी। इसके बाद मंदिर परिसर में ही अन्य कमरे में भगवान को विराजित किया जाएगा जहां 10 दिन के बाद भगवान को पुन: मूल गर्भगृह में प्रतिष्ठापित करेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी रथयात्रा की बधाई, संदेश में कही ये बात
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को रथयात्रा की बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ से सभी नागरिकों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की है। CM बघेल ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि प्राचीन काल से ही छत्तीसगढ़वासियों की भगवान जगन्नाथ में गहरी आस्था रही है। यहां प्रतिवर्ष भक्ति भाव से श्रद्धालुओं द्वारा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ रथयात्रा निकाली जाती रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाप्रभु जगन्नाथ के धाम पुरी सहित संपूर्ण भारत में एक साथ निकलने वाली यह रथयात्रा सांस्कृतिक एकता तथा सौहार्द्र का प्रतीक है मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना का प्रभाव कम हुआ है, लेकिन अभी खतरा टला नहीं हैं इसलिए सभी लोग जागरूकता और सुरक्षा बनाए रखें। मास्क, फिजिकल डिस्टेंसिंग जैसे कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।