रमन का ट्वीट- विज्ञापनजीवी सरकार; भूपेश का जवाब- 65 करोड़ तो आपके चेहरे को चमकाने के विज्ञापन का भुगतान था

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। दो दिन से लगातार हो रही बारिश ने मौसम में ठंड बढ़ा दी है, लेकिन छत्तीसगढ़ की राजनीति गरम है। सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बीच चेहरा चमकाने के विवाद में बहस शुरू हो गई है। डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखा, विज्ञापनजीवी भूपेश सरकार। जवाब में मुख्यमंत्री ने उनके समय के विज्ञापन खर्च का हिसाब देकर लिख दिया, पर उपदेश कुशल बहुतेरे..।

CM ने लिखा- आपके चेहरे चमकाने के विज्ञापन का भुगतान था

जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो पोस्ट किए। लिखा, आप जब सरकार छोड़कर गए थे, तो विज्ञापन और प्रचार-प्रसार का 190.62 करोड़ रुपए का भुगतान जनता के सिर छोड़ गए थे। उसमें से 65.16 करोड़ रुपए हमने चुकाए हैं और 125.46 करोड़ रुपए अभी भी भुगतान के लिए लंबित है। आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में तो झांक कर देखें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी पोस्ट का समापन यह कहकर किया – बाबा तुलसीदास कह गए हैं, पर उपदेश कुशल बहुतेरे। जे आचरहिं ते नर न घनेरे।

विज्ञापन के खर्च का ब्यौरा भी रखा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी पोस्ट में विज्ञापन हुए खर्च का ब्यौरा भी रखा है। उन्होंने बताया, 17 दिसम्बर 2018 यानी कांग्रेस के सरकार में आने से पहले के प्रचार-प्रसार की देनदारी 190.60 करोड़ रुपए थी। इसमें इलेक्ट्रानिक मीडिया को 113.90 करोड़ रुपए, प्रिंट मीडिया को 32.83 करोड़ रुपए देने थे। उस देनदारी में से 15 जुलाई 2021 तक 65.16 करोड़ रुपयों का भुगतान किया जा चुका है। इसमें 35.43 करोड़ इलेक्ट्रानिक मीडिया को और 21.41 करोड़ रुपए प्रिंट मीडिया को दिया गया है।

विधानसभा से उपजा विवाद

यह पूरा विवाद विधानसभा के प्रश्नकाल से उपजा है। विधानसभा के पहले दिन के प्रश्नकाल में डॉ. रमन सिंह के सवाल के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से जनवरी 2019 से 15 जून 2021 तक के विज्ञापन खर्च का ब्यौरा दिया गया। बताया गया, इस दौरान सरकार ने इलेक्ट्रानिक मीडिया को एक अरब, 16 करोड़ 42 लाख 62 हजार 301 रुपए का विज्ञापन दिया है। इसमें से 1 अरब 5 करोड़ 25 लाख 83 हजार 704 रुपए का भुगतान कर दिया गया है। इसी अवधि में प्रिंट मीडिया को 92 कराेड़ 29 लाख 23 हजार 126 रुपए का विज्ञापन दिया गया। उसमें से 85 करोड़ 6 लाख 96 हजार 916 रुपए का भुगतान किया जा चुका है।