नई दिल्ली। ग्रामीण भारत में रोजगार मुहैया कराने के लिए पीएम मोदी शनिवार 20 जून को बिहार के खगड़िया से इसकी शुरूआत कर दी। दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस अभियान को पीएम ने लॉन्च किया। 125 दिनों तक चलने वाले गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत देश के 116 जिलों में गांव वापस पहुंचे कम से कम हर जिले में 25000 प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने दिया जाएगा। इसके तहत अब गांव में ही 25 तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े काम दिए जाएंगे, जिसके लिए 50 हजार करोड़ रुपए का बजट एलोकेट किया गया है। इस मौके पर पीएम ने सबसे पहले गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार के सैनिकों याद करते हुए कहा कि पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है। उन्होंने शहीदों के परिवार जनों से कहा कि देश उनके साथ है।
गांव के मुखिया ने जब बताया कि लॉकडाउन के दौरान गांव में आए 475 प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था की थी तो पीएम ने उनके कार्य को सराहा। वहीं एक प्रवासी महिला की लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से गांव वापसी के बारे में पूछा। महिला ने मधुमक्खी पालन का काम करने की इच्छा जाहिर की तो वो बहुत खुश हुए। उन्होंने पूछा कि मेरे से कोई शिकायत हो तो बताएं। हरियाणा के गुरुग्राम में राजमिस्त्री का काम करने वाले जनार्दन लॉकडाउन के दौरान गांव लौटे हैं। पीएम से बात करते हुए उन्होंने श्रमिक ट्रेन की तारीफ करते हुए कहा कि सुविधा बहुत अच्छी थी। जनार्दन ने कहा कि गांव में बहुत काम मिल रहा है। इससे पहले बिहार के सीएम ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब कल्याण योजना से काफी लोगों को लाभ मिलेगा। नीतीश कुमार ने जीएसटी में छूट देने की मांग की।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण योजना के जरिये लोगों की मदद का प्रयास किया है यह सराहनीय है।
जिन राज्यों को इस योजना से फायदा होगा उसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा शामिल हैं। इस योजना में सबसे ज्यादा बिहार के 32 जिलों को जोड़ा गया है। सरकार का दावा है कि मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई है।