फिरगी नाले में पुल नहीं होने से आवागमन में हो रही दिक्कतें, सरकार को हादसे का है इंतज़ार

पुल बनाने से बचते रहते है,सांसद व विधायक, पत्थर दिल राजनीति की घंटी बजाओ

Chhattisgarh Crimes

बागबाहरा। आजादी को दशकों बीत गए परंतु खल्लारी क्षेत्र के छुईहा फिरगी नाला में पुल और सडक बनाने की मांग अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। खल्लारी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम छुईहा- फिरगी के बीच मे नाला है जहां पुल का निर्माण नहीं हो सका लगता है सरकार और यहाँ के जनप्रतिनिधि किसी हादसे के बाद ही पुल निर्माण की स्वीकृति देगे। लोकसभा,विधानसभा चुनावों में नाला पर पुल बनाने का आश्वासन सभी दल के नेता देते रहे है बावजूद पुल का निर्माण नहीं हो सका। ग्रामीण अभी भी जान जोखिम में डालकर नाला को पार करते हैं।खासकर बरसात के दिनों में लोगों की परेशानी कई गुणा बढ़ जाती है,लोग पुल की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन ग्रामीणों की उम्मीदों को यहां के चुने हुये सांसद विधायक पूरा नहीं कर पा रहे हैं और ना ही जिला प्रशासन इस मसले को गंभीरता से ले रहा है।जनप्रतिनिधियों के निकम्मे पन से ग्रामीणों के बीच निराशा का भाव पनपने लगा है वहीं यहां के लोग आक्रोशित भी है।

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कीचड़ भरी सडक और उफनते नाला को पार कर ग्राम पंचायत ब्लाक जिला मुख्यालय स्वास्थ्य सुविधा के लिए बागबाहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सहित उन्हें तहसील थाना जाना पड़ता है। इस नाला में पानी रहने की स्थिति में ग्रामीणों को आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अगर कभी पानी का बहाव तेज हो जाता है तो गांव का संपर्क भंग हो जाता है ऐसे स्थिति में यहां के लोगों को पिथौरा ब्लाक क्षेत्र के घुमावदार मार्ग से आवागमन करना पडता है। फिरगी गांव में करीब 800 सौ से अधिक लोग निवास करते हैं,यह गांव काफी पिछड़ा हुआ है। लोग पिछले कई सालों से नाला पर पुल की बाट जोह रहे हैं, लेकिन नाला पर पुल बनाने अब तक कोई दमदार नेता जनप्रतिनिधि नहीं मिला।

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पुल की समस्या को लेकर ग्रामीण हर दलों के नेता और सरकार के पास मांग रखते रखते थक हार चुके है परंतु कोई सुनने वाला नहीं है।चुनाव के समय सभी कहते है सरकार बनने दो हम पुल बनवा देंगे पर चुनकर जाने के बाद वे मुडकर भी नहीं देखते।यहां के ग्रामीण दो बार विधायक रहे लक्ष्मीनारायण इंदूरिया डाँ रमेश,दो बार विधायक रहे परेश बागबाहरा, भेखराम साहू, प्रीतम सिंह दीवान ,चुन्नीलाल साहू अब द्वरिकाधीश यादव सहित क्षेत्र के सांसद रहे पंडित विद्याचरण शुक्ल, पवन दीवान, चंद्रशेखर साहू ,पं. श्यामाचरण शुक्ल, अजीत जोगी ,चंदूलाल साहू और चुन्नी लाल साहू से गुहार लगा चुके है परंतु किसी ने इस क्षेत्र के जनसरोकार से जुडे इस गंभीर समस्या का निराकरण नहीं कर सके इससे साफ झलकता है कि नेतृत्वहीनता और कमजोर प्रतिनिधित्व का खामियाजा ग्रामीणों को भोगने का प्रमुख कारण रहा है।

नाला में पानी आने पर दो की जगह दस किलोमीटर अधिक दूरी तय करना पड़ता है।फिरगी के ग्राम पंचायत मुख्यालय छुईहा महज दो किलोमीटर दूरी पर है जहाँ हाईस्कूल एंव राशन दुकान भी है नाला पर बाढ आने से ग्रामीणों को घुमकर अत्यधिक दूरी तयकर करना पडता है। बारिश के समय नाला पूरे उफान पर रहता है इस लिए बच्चों को स्कूल जाने तथा ग्रामीणों को राशन लेने जाने मे नाला बाधा उत्पन्न करता है।नाला पर पुल नहीं रहने के चलते दर्जनों गांव के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जान जोखिम में डालकर दर्जनों गांव के ग्रामीण और राहगीर पुल नहीं रहने के कारण प्रभावित हो रहे है।बरसात के दिनों में नाला में तेज बहाव रहता है,नाला पार करते वक्त कभी भी इन ग्रामीणों राहगीरों के साथ दुर्घटना हो सकती है। छोटे-छोटे बच्चे भी तेज बहाव को पार कर स्कूल जाते हैं।ऐसे में कभी अनहोनी घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार में तीन बार मुख्यमंत्री रहे डाँ. रमन सिंह मंत्रीद्वय राजेश मुणत व बृजमोहन अग्रवाल सांसद चंदूलाल साहू एंव अन्य नेताओं ने विकास यात्रा के दौरान छुईहा फिरगी नाला पर पुल और सडक बनाने की घोषणा भी कर चुके है परंतु भाजपा के नेताओं ने घोषणा को अमल में नहीं लाये।भाजपा सरकार के ग्राम सुराज अभियान में भी सैकड़ों आवेदन गांव और क्षेत्र के लोंगों ने सरकार तक भिजवाया है लेकिन सरकार और प्रशासन मे बैठे लोगों ने न तो आवेदन को पलट कर देखा और ना ही कोई ध्यान दिये।यही नहीं यहां के ग्रामीणों को खुश करने और विरोध को दबाने के लिए नाला पर पुल बनाने दो दो बार सरकार ने बजट मे शामिल तो किया परंतु पुल निर्माण करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी।

छुईहा फिरगी के बीच नाला पर सड़क पुल नहीं रहने के कारण इस क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।बरसात के दिनों में तो लोग सर पर कफन बांध कर नाला पार करने को विवश हो जाते हैं या घुमावदार मार्ग से सफर करना पडता है। बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।नाला पर पुल नहीं रहने के कारण पंचायत के पंचों और लोगों को ग्राम पंचायत मुख्यालय जाने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। समस्या के समाधान के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया लेकिन अबतक कोई फायदा नहीं हुआ।संबंधित लोक निर्माण विभाग के व्दारा अनेकों बार शासन तक नाला में पुल निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया परंतु सरकार और क्षेत्रीय नेता जनप्रतिनिधियों ने इसे अनदेखी करते आ रहे है। यहां से चुनकर गये सांसदों विधायकों ने कभी भी सरकार के पास दमदारी से इसे स्वीकृति दिलाने प्रयास नहीं किया यदि वे ईमानदारी पूर्वक प्रयास करते तो अब तक पुल के लिए धनराशि मिल गया होता।

क्षेत्रीय नेताओं के इच्छा शक्ति कम होने के कारण समस्या विकराल बन गया

है जिसके कारण लोग खुद को काफी उपेक्षित महसूस करने लगे हैं।इस क्षेत्र से जीतने भी नेता यहाँ से चुनकर गये वे पहले अपनी राजनीति लाभ के सांथ अपने स्वयं के गांव का विकास को ध्यान मे रखकर निर्माण कार्य को प्राथमिकता देते रहे है। चाहे वह विकास कार्य सडक पुल बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य कुछ भी हो अबतक भाई- भतीजावाद का शिकार यहां के लोग होते आ रहे है।

छुईहा फिरगी नाला पर पुल और सडक बन जाने के बाद फिरगी सोहागपुर परसदा कोदोपाली सुईनारा भरवामुडा कोल्दा सेवाती चरौदा आदि पंचायत के लोगों को घुमावदार रास्तों तथा गंभीर परेशानी छुटकारा मिल सकती है और सुगम यातायात से इस क्षेत्र को जोडा जा सकता है।

ग्राम के खिरसाय पटेल देवनाथ,रामजी,जलीराम, जीवन,कन्हैया सिन्हा गिरधर,नंदकुमार कन्हैया ठाकुर भेखराम रामप्रसाद यादव एंव क्षेत्र के जनपद सदस्य ममता चंद्राकर यहां के सरपंच पंच पूर्व सरपंच पंच ने विगत दिनों जनपद अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर उपाध्यक्ष भेखलाल साहू से मिलकर गांव के समस्या से अवगत कराते हुये मांग की है कि वे इस मुद्दे को उच्चस्तर तक पहुंचाने मे मदद करें सांथ हमारे आन्दोलन का हिस्सा बने।ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मांग की है कि छुईहा फिरगी नाला पर पुल एंव सडक मार्ग निर्माण करने हेतु त्वरित स्वीकृति दें ताकि यहां के लोगों को नारकीय जिंदगी से छुट- कारा,मिल सके यदि हमारे समस्या को अब भी गंभीरता से नहीं लिया गया तो हम ग्रामीण तमाम नेताओं एंव क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ में तो विरोध करेंगे सांथ ही शासन एंव जिलाप्रशासन के खिलाफ सडक पर उतर कर राष्ट्रीय राजमार्ग 353 खोपली पडाव पर पंडाल तान कर लोगों के आवागमन बाधित करने बाध्य होंगे चूंकि निवेदन आवेदन करते करते हम हैरान परेशान हो चुके है क्षेत्र के इस समस्या को लेकर सरकार एंव जनप्रतिनिधि प्रशासन से याचना करते करते दशकों वक्त बीत गया बावजूद किसी ने भी हमारी मांग और समस्या को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया विकास करने करवाने की बडी बडी डिंगें हांकते रहते है लेकिन मैदानी सच्चाई इनके विकास मे ठोल मे पोल है विकास करने का झूठा दावा नेताओं के फिदरत में है यदि विकास का सच्चाई जानना है तो गांव स्तर पर आकर देखें।यहां के जनप्रतिनिधियों ने गांव मे चबूतरा रंगमंच जैसे को विकास करना कहते है जबकि विकास स्वास्थ्य शिक्षा आवागमन सडक मार्ग शुध्द पेयजल सहित बिजली सिंचाई सुविधा का अभाव है इस क्षेत्र मे कितना विकास कार्य कराया गया जनप्रतिनिधि जवाब दें?