बहुचर्चित संजीव जैन आत्महत्या कांड में आत्महत्या के लिए उकसाने वाले अंतर्राज्जीय ठग गिरोह का पर्दाफाश

  • महिला द्वारा फोन द्वारा दोस्ती कर प्रेमजाल में फंसा कर रची साजिश
  • ब्लैकमेल कर खाते में डलवाये करीबन पौने दो करोड़ रूपये
  • साजिश में महिला के साथ उसका पति एवं देवर भी था शामिल
  • अलग-अलग किरदार बनकर पति व देवर दिये थे ठगी की घटना को अंजाम

Chhattisgarh Crimes

राजनांदगांव। 10 अगस्त 2021 को हीरा-मोती लाईन निवासी संजीव जैन पिता सुरेशचंद जैन उम्र 56 वर्ष द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया गया था, जिसमें थाना बसंतपुर में मर्ग क्रमांक 48/21 धारा 174 जाफौ कायम कर विवेचना में लिया गया था। विवेचना के दौरान मृतक के शव के पास 5 सीलबंद लिफाफा मिला, जिसे मृतक के भाई विनय कुमार जैन द्वारा खोल कर पढ़ कर पुलिस को सुपुर्द किया गया। उक्त सुसाईड नोट में मृतक को यूनियन बैंक के निखिल जैन एवं फैडरल बैंक के आशीष एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा 1.75 करोड़ रूपये लोन दिलाने के नाम पर अलग-अलग समय में लिया गया, किन्तु मृतक को ना ही लोन मिला और ना ही उनका दिया हुआ पैसा मिला।

पैसा मांगने पर उनके द्वारा मृतक को जान से मारने की धमकी दिया जाता था, का उल्लेख है। साथ ही रायपुर निवासी मानसी यादव के द्वारा मेरठ में पढ़¸ाई करने के नाम पर मृतक से लाखों रूपये लिये गये थे। जिसके द्वारा भी मृतक को लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, जिससे हताश एवं परेशान होकर कुंआ चौक नंदई स्थित अपने पुराने मकान में फांसी लगा लिया गया। प्रथम दृष्टिया मामला आत्महत्या के लिए उकसाये जाने पर थाना बसंतपुर में अपराध क्रमांक 342/2021 धारा 306, 34 भादंवि कायम कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डी. श्रवण के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम एवं नगर पुलिस अधीक्षक लोकेश देवांगन के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी बसंतपुर निरीक्षक आर्शिवाद रहटगांवकर के नेतृत्व में तत्काल टीम गठित कर मामले की सुक्ष्म से सुक्ष्म बिंदुओं की जांच की गई। मृतक के बैंक खाते का बारिकी से अध्ययन किया गया एवं सुसाईड नोट में उल्लेख सभी व्यक्तियों एवं मोबाईल नंबरों के बारे में पता लगाया गया। मृतक द्वारा सर्वाधिक राशि करीबन 1 करोड़ 77 लाख रूपये मानसी यादव के बैंक खाते में डाला गया था। अतः पुलिस टीम द्वारा मानसी यादव की सरगर्मी से तलाश की जा रही थी। मानसी के पता अपूर्ण होने से एवं अलग-अलग जगह पता बदल कर रहने से पुलिस को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।

पुलिस की अलग-अलग टीम रायपुर, दिल्ली, मेरठ (उप्र) भेजी गई, बैंक खाते में दिये पते पर भी मानसी सालों से नहीं रह रही थी। सभी जगह पुलिस ने अपने मुखबीर लगा कर रखे थे। पुलिस टीम को मुखबीर के माध्यम से सूचना मिली कि डंगनिया रायपुर स्थित मानसी यादव के बहन मधु यादव के घर में मानसी यादव सालों बाद तीज मनाने आयी है। सूचना पर तत्काल टीम द्वारा घेराबंदी कर मानसी यादव को पकड़ा गया। मानसी यादव से पूछताछ पर अपने मेमोरण्डम कथन में बताई कि करीबन 8 वर्ष पूर्व फोन के रांग नंबर लगने से मृतक संजीव जैन से उसकी जान पहचान हुई थी। बातचीत के दौरान जब मानसी को पता चला कि मृतक अत्यधिक पैसे वाला है, तब उसने मृतक को अपने प्रेम जाल में फंसाया इस दौरान कई बार वो मेरठ (ससुराल) एवं रायपुर (मायके) से राजनांदगांव आयी व कई बार मानसी ने मृतक को अपने पास रायपुर व मेरठ बुलाया।

इस दौरान इनके बीच अनेकों बार शारीरिक संबंध बना। मृतक द्वारा मानसी को लगातार कभी पढ़ाई के नाम पर कभी नौकरी लगने के नाम पर व मकान खरीदने के नाम पर रकम दिया जाता था। मृतक द्वारा पैसा वापस मांगने पर मानसी द्वारा बैंक से लोन लेकर रकम वापस करने की बात कह कर अपने पति ललित सिंह को मोहित शर्मा व अपने देवर कौशल सिंह को निखिल जैन व आशीष बनाकर मृतक से बात कराया गया। मानसी के पति एवं देवर दोनों के द्वारा मृतक से लगातार मोहित शर्मा एवं निखिल जैन बैंक अधिकारी बन कर मृतक से लोन दिलाने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस के रूप में लाखों रूपये मानसी एवं भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के बैंक खातों में डलवा कर ठगे गये।

मृतक जब भी मानसी को पैसा देने में आना-कानी करता था तो मानसी उसके पति ललित व देवर कौशल सिंह द्वारा मानसी व मृतक संजीव जैन के बीच बने अवैध संबंध को उसकी पत्नी व परिवार वालों को बताकर उसकी इज्जत बर्बाद कर देने की धमकी देते थे। जिससे परेशान होकर मृतक संजीव जैन द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया गया। इस प्रकार आरोपीगणों द्वारा संजीव जैन को प्रेमजाल में फांस कर पहले इमोशनल ब्लैकमेल कर, मानसी को नौकरी लगवाने के नाम पर, फिर बैंक मैनेजर बनकर लगभग 2 करोड़ रूपये ठग लिये। मानसी के अलावा उसके पति ललित सिंह को भी पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। शेष आरोपियों को सरगर्मी से तलाश किया जा रहा है एवं मृतक संजीव जैन के आत्महत्या में स्थानीय संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। शेष आरोंपियों को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

उपरोक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी बसंतपुर आर्शिवाद रहटगावकर, उनि कमलेश बंजारे, आरक्षक विभाष सिंह, देवेन्द्र पाल, महिला आरक्षक अश्वनी निर्मलकर, सायबर सेल प्रभारी द्वारिका प्रसाद लाउत्रे, आरक्षक हेमंत साहू, आदित्य सिंह, मनीष मानिकपुरी, मनीष वर्मा, अवध किशोर साहू, मनोज खूंटे का सराहनीय योगदान रहा।