बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी जारी हैं वनांचल के ग्रामीणों का संघर्ष , मूलभूत सुविधा के लिए ग्रामीणों की विशाल बैठक संपन्न

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

मैनपुर। वनांचल क्षेत्रों के लिए सरकार अनेकों योजनाएं बनाती तो जरूर हैं पर कागजों से जमीन तक पहुंचने में वर्षों लग जाते हैं और वनांचल क्षेत्रों में रहने वालो को मूलभूत सुविधाओं को तरसते, परेशानियों के बीच जीवन निर्वाह करना पड़ता हैं। शायद यह पहली बार हैं कि वानांचल के रहवासियों ने अपने मूलभूत सुविधाओं के लिए मुखर होकर अपनी वात सरकार के सामने रखने का मन बनाया है। मूलभूत समस्याओं को लेकर किसान मजदूर संघर्ष समिति उदंती सीतानदी राजापडा़व क्षेत्र के तत्वाधान में 25 सितम्बर को 13 पंचायत के ग्राम सभा सदस्यों के द्वारा गरियाबंद जिले के विकासखंड मैनपुर राजापडा़व क्षेत्र के मोंगराडी़ह ग्राम में विशाल बैठक हुआ। जिसमें क्षेत्र के लोगों ने बैठक में शामिल होकर क्षेत्र के समस्याओं पर खुलकर चर्चा करते हुए रणनीति तैयार किया है।

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बैठक की शुरुवात समिति के मुखियाओ के द्वारा माटी महतारी के पूजा अर्चना पश्चात हुआ। तत्पश्चात बैठक में समिति के सचिव दीनाचंद मरकाम के द्वारा विषयवार क्षेत्रीय मूलभूत समस्याओं को चर्चा के लिए हजारों की संख्या में मौजूद जनसमुदाय के पास रखा गया। जिस पर लगभग 3 घंटे तक चर्चा होने के उपरांत बैठक में शामिल मुखियाओ के द्वारा अंतिम निष्कर्ष निकालते हुए समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह नायक ने कहा कि आजादी के 75वें साल बीत जाने के बाद भी आज तक गांव में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधा शिक्षा, स्वास्थ्य, आवागमन, पुल, पुलिया, बिजली,खाद्यान्न सामग्री,शुद्ध पेयजल, जल, जंगल, जमीन पर अधिकार,अपनी उपज का वाजिब दाम के लिए वंचित होना पड़ रहा है। अपने हक और अधिकार के लिए कई बार शासन प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी समस्या जस के तस बना हुआ है। हमारे जैसे लोगों का उपयोग सिर्फ और सिर्फ 5 साल में एक बार किया जाता है। उसके बाद किए गए वादों पर भी अमल नहीं करते हुए शोषित,पीड़ित, वंचित समुदाय के साथ में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। बुनियादी अधिकार मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।

समिति के मुखिया दलसू राम मरकाम ने संबोधन में कहा कि क्षेत्र के मूलभूत समस्याओं को लेकर कई बार सैद्धांतिक तरीके से शासन प्रशासन को अवगत कराया गया है। लेकिन समस्याओं पर कोई समाधान नहीं निकाल पाना समझ से परे लगता है। बैठक में अखिल भारतीय क्रांति किसान सभा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष भोज लाल नेताम ने छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के द्वारा 28 सितंबर को कृषि उपज मंडी राजिम में संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के वक्ता गण पधार रहे हैं। जहां किसान कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को रद्द करने सभी कृषि उपजो को न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की गारंटी कानून पारित कराने की मांग को लेकर किसान महापंचायत आयोजित है। जिसमें शामिल होने के लिए कही गई।जिसका सहर्ष समर्थन करते हुए सैकड़ों की संख्या में राजिम जाने तैयार हुए। समिति के महिला प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य कांति मरकाम ने बैठक में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही हक अधिकार के लिए अनवरत संघर्ष करने की बात कही गई। क्षेत्रीय मूलभूत समस्याओं का ज्ञापन 5 दिन के अंदर प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से तैयार करते हुए 5अक्टूबर को प्रशासनिक वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने की बात बैठक में चर्चा उपरांत निष्कर्ष निकाला गया।

बैठक में मुख्य रूप से अर्जुन सिंह नायक,दलसूराम मरकाम,मया राम नेताम,भोज लाल नेताम,रुपसिंग मरकाम,टीकम नागवंशी,दीना चंद मरकाम, चिमन नेताम,गौकरण मरकाम, श्रीमती कांति मरकाम,सखा राम मरकाम,अजय कुमार नेताम, मोती राम नेताम,पदूलोचन यादव,करण सिंह,कैलाश नेताम, श्यामाचरण नेताम, महेश सूर्यवंशी,लैबानो राम,तुलाराम मरकाम,वीर सिंह मरकाम, बृजलाल नेताम,लच्छीराम मंडावी, विश्राम मरकाम,जगदेव मरकाम,बंसीलाल कैमरो, धनीराम नेताम,गोपाल राम मरकाम,बुधराम मंडावी,भाव सिंह मरकाम,सुग्रीव नेताम, अघनूराम नेताम,नोहर सिंह,बैजनाथ ओझा मुख्य रूप से शामिल रहे।