जयदेव सिंह/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स
महासमुंद। जिले में कुछ अर्से से हर काम गुपचुप तरीके से होने लगी हैं। उद्योग की स्थापना के लिए हुई एम ओ यू हस्ताक्षर चुपके से। एक कंपनी स्टील प्लांट के लिए जमीन खरीद ली चुपके से। स्टील प्लांट की स्थापना को लेकर होने वाली जनसुनवाई भी चुपके से करने की तैयारी में थे। तो दूसरी ओर स्टील प्लांट से जुड़ी जानकारी देने में जिला प्रशासन की भूमिका देखकर स्टील प्लांट की स्थापना पर ही अब सवाल खड़े होने लगे हैं ?
महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत कौंवाझर के आश्रित गांव खैरझिटी में स्थापित होने वाले करणीकृपा पॉवर प्राइवेट लिमिटेड की मिनी स्टील प्लांट किसी अबूझ पहेली से कम नहीं है। इस स्टील प्लांट को लगाने की तैयारी एक दो महीने से नहीं बल्कि सालों पहले से चल रही थी, और इसकी जानकारी प्रशासन को भी थी। लेकिन इस पर मामले में प्रशासन की ओर से कोई भी जानकारी आम जनता से साझा नहीं किया गया। सारे काम गुपचुप तरीके से होता रहा। जबकि सरकार और प्रशासन दो चार लाख के विकास कार्यों का प्रचार प्रसार ऐसे करते हैं कि, उसके निर्माण से ही वहां निवासरत लोगों की भाग्य बदलने वाली है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। अगर ऐसे उद्योग से जिले की तकदीर और तस्वीर बदल सकती है तो ऐसे उद्योग से जुड़ी तमाम जानकारी को आम लोगों से साझा किया जाना था। लेकिन यहां तो कई गांव के ग्रामीण और किसानों को भनक तक लगने नहीं दिया गया।
अगर प्रशासन जागरूकता के लिए आम जनता को क्षेत्र में होने वाले विकास की जानकारी साझा करते तो ग्रामीण और किसान मिलकर ऐसे उद्योग का फूलों से स्वागत करते। लेकिन प्रशासन द्वारा हर जानकारी को साझा करने की बजाए उसे छुपाने की कोशिश की। इसके कारण लोगों के अंदर कई शंकाओं को जन्म देने लगी। और विरोध के स्वर गुंजने लगे। जो आगे चलकर उग्र आंदोलन का रूप भी अख्तियार कर सकता है। प्रशासन को जिस क्षेत्र में उद्योग स्थापित करना है वहां लोगों को विश्वास में लेकर उद्योग की स्थापना करना चाहिए। न कि, अंग्रेजों की दमनकारी नितियों से ?
उद्योग से निकलने वाली प्रदूषण का दंश बिरकोनी के ग्रामीण आज भी भुगत रहे हैं…
बिरकोनी के सरकारी जमीन पर स्थापित उद्योग राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन के नियंत्रण में नहीं है। तो ऐसे में निजी भूमि पर स्थापित मिनी स्टील प्लांट को कौन नियंत्रित करेगा ? बिरकोनी औद्योगिक क्षेत्र में कई ऐसे प्लांट है। जिससे भारी मात्रा में प्रदूषण निकलता है। बिरकोनी के ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद जिला प्रशासन और न ही औद्योगिक विभाग कोई कारगर उपाय करने में सफल हुए हैं। जिसके कारण उद्योग प्रबंधन मनमाने तरीके से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। हालही में बेस्ट टायर से फर्नीस ऑयल बनाने वाली बिरकोनी की एक कंपनी में तीन लोग गैस के रिसाव से बुरी तरह झुलस गए थे। बाद में उपचार के दौरान एक मजदूर की अस्पताल में मौत हो गई थी। जब सरकारी जमीन पर स्थापित उद्योग पर सरकार और जिला प्रशासन का नियंत्रण नहीं है, तो फिर एक निजी भूमि पर स्थापित होने वाले स्टील प्लांट को कौन नियंत्रण कर सकता है?