पारंपरिक रूप से हमारे पास कई ऐसी जानकारियां हैं जो हमारे सेहत के लिए काफी मायने रखती हैं. इसी में शामिल है उसना चावल. जिन लोगों का मुख्य आहार चावल हैं वे इस चीज को भली भांति जानते हैं. दरअसल, देश के पूर्वी और दक्षिणी इलाकों में मुख्य रूप से चावल का सेवन किया जाता है. बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सदियों से उसना चावल का सेवन किया जाता है. तो चलिए आज हम बात करते हैं कि आखिर ये उसना चावल क्या है और इसके फायदे क्या हैं?
कैसे बनता है उसना चावल
दरअसल, धान से चावल निकाला जाता है. इसकी प्रक्रिया अलग-अलग होती है. जब धान से सीधे चावल निकाला जाता है तो वह अरवा या सफेद चावल कहलाता है. लेकिन उसना चावल निकालने की विधि थोड़ी अलग होती है. इसमें धान को पहले उबाला या कहें कि भाप में हल्का पकाया जाता है. इसके बार इसे धूप में सूखाया जाता है. इस तरह धान फिर पहले की तरह सख्त हो जाता है. उसके बाद इससे चावल निकाला जाता है. इस तरह धान से निकाले गए इस चावल का रंग हल्का पीला या भूरा हो जाता है. इसे गोल्डन राइस भी कहा जाता है.
हल्का होता है उसना चावल
चावल तैयार करने से पहले धान को उबालने की वजह से उसना चावल के गुण में काफी बदलाव हो जाते हैं. दरअसल, सफेद चावल के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी होती है. ऐसे में इसका नियमित सेवन करने और शारीरिक मेहनत न करने की वजह से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. लेकिन, सफेद चावल की इसी कमी को उसना चावल दूर कर देता है.
कैरोली- सफेद चावल की तुलना में उसना चावल में कैलोरी थोड़ी कम मिलती है. 155 ग्राम उसना चावल में जहां 194 ग्राम कैलोरी मिलेगी जबकि इतनी ही मात्रा के सफेद चावल में यह कैलोरी 205 ग्राम मिलेगी. वैसे इन दोनों ही प्रकार के चावलों में वसा की मात्रा एक समान होती है.
कार्बोहाइड्रेट और फाइबर- इन दोनों मानकों पर उसना चावल, सफेद चावल की तुलना में बेहतर होता है. 155 ग्राम उसना चावल से 41 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और एक ग्राम फाइबर मिलता है वहीं इतने ही सफेद चावल में 45 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 0.5 ग्राम फाइबर मिलता है. उसना चावल में फाइबर की मात्रा सफेद चावल की तुलना दोगुना होने की वजह से इसे पेट के लिए बेहतर माना जाता है.
प्रोटीन- हमारे शरीर के लिए प्रोटीन सबसे जरूरी चीज है. चावल खाने के शौकीन लोगों के लिए उसना चावल का सेवन इसलिए बेहतर बताया जाता है कि क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा सफेद चावल की तुलना ज्यादा है. 155 ग्राम उसना चावल में 5 ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति होती है वहीं इतने ही ग्राम सफेद चावल से केवल 4 ग्राम प्रोटीन मिलता है.
विटामिन बी-1, बी-3 और बी-6
विटामिन के मामले में भी उसना चावल, सफेद चावल की तुलना में काफी आगे है. उसना चावल में जहां विटामिन बी1 आरडीआई का 10 फीसदी, विटामिन बी3 आरडीआई का 23 फीसदी और विटामिन बी6 आरडीआई का 14 फीसदी मिलता है. वहीं सफेद चावल में स्थिति उलट है. उनमें ये चीजें आरडीआई का 3 से 9 फीसदी तक ही मिलती हैं.
आयरन, मैगनिशियम और जिंक
इन दोनों तरह के चावलों में आयरन की मात्रा तो एक समान होती है लेकिन मैगनिशियम और जिंक के मामले में यहां सफेद चावल बेहतर होता है. सफेद चावल में मैगनिशियम आरडीआई का 5 फीसदी और जिंक आरडीआई का 7 फीसदी पाया जाता है. वहीं उसना चावल में ये चीजें क्रमशः आरडीआई का तीन फीसदी और 5 फीसदी पाया जाता है.
उसना चावल खाने से रहती है फुर्ती
उसना चावल खाने के बाद इंसना खुद को ऊर्जावान महसूस करता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के चावल में विटामिन बी1, बी3 और बी6 प्रचूर मात्रा में पाया जाता है. इंसान में ऊर्जा का स्रोत विटामिन बी ही होता है.
उसना चावल में क्यों बढ़ जाते हैं पोषक तत्व
दरअसल, चावल के छिलके यानी धान को जब उबाला जाता है तो छिलके के तमाम पोषक तत्व चावल में समाहित हो जाते हैं. दूसरी तरफ चावल में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो जाती है. जो हमारे सेहत के लिए काफी गुणकारी है.
किन लोगों को ज्यादा खाना चाहिए उसना चावल
हम ऊपर सफेद और उसना चावल के तमाम गुणों को जान चुके हैं. इसी आधार पर कहा जा सकता है कि जो लोग कम शारीरिक मेहनत करते हैं उन्हें उसना चावल का ही सेवन करना चाहिए. क्योंकि इसमें ज्यादा फाइबर, कम वसा और ज्यादा विटामिन मिलता है. वहीं मेहनतकश लोगों के लिए सफेद चावल बेहतर है, क्योंकि इसमें उसना चावल की तुलना में ज्यादा कैलोरी होती है.