रायपुर। राजधानी के एक ज्वेलरी शॉप में करीब 80 लाख की चोरी के मामले में दो राज्यों की पुलिस भिड़ गए है। झारखंड राज्य की एक पुलिस चौकी बांसजोर के स्टाफ पर 80 लाख की चोरी में से सिर्फ 25 लाख की चांदी जब्त करने और सोना दबाने का आरोप है। यह सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद जब झारखंड पुलिस की बदनामी शुरू हुई तो चौकी प्रभारी समेत चार जवानों को सस्पेंड कर दिया गया। इतना ही नहीं, सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज़ ने जांच के लिए 11 सदस्यीय एसआईटी बनाई है। अब यह मामला राज्यपाल रमेश बैस तक पहुंच गया है।
रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने राज्यपाल बैस को पत्र लिखकर सोने और चांदी के जेवर जब्त करने में सहयोग की मांग की है। सराफा एसोसिएशन ने झारखंड पुलिस की भूमिका में सवाल खड़े किए हैं। यह आरोप लगाया है कि बड़ी चोरी की जांच में जुटी साइबर सेल की एक टीम जब सुराग मिलने पर बांसजोर पहुंची तो वहां की पुलिस ने पहचान सिद्ध करने के बहाने 8 घंटे तक रोककर रखा था। बता दें कि 2 व 3 अक्टूबर की दरमियानी रात गुढ़ियारी स्थित नवकार ज्वेलर्स में चोरी हुई थी। बेहद मजबूत माने जाने वाली तिजोरी को गैस कटर से काटकर चोर सोने-चांदी के जेवर ले उड़े थे।
राजधानी में चोरी की यह वारदात पुख्ता प्लानिंग के साथ की गई थी। सूत्रों के मुताबिक 11 लोग इस वारदात में शामिल थे। इसकी रेकी दो नेपालियों ने की थी, जो गुपचुप ठेला चला रहे थे। यह भी अंदेशा है कि वारदात को ठेके पर अंजाम दिया गया। यानी एक गिरोह ने रेकी कर पूरा प्लान बनाया और दूसरे ने वारदात को अंजाम दिया। इसमें कई कड़िया ऐसी हैं, जो खुलनी बाकी है, क्योंकि झारखंड पुलिस ने सिर्फ दो को पकड़ा है। झारखंड पुलिस के मुताबिक बाकी आरोपी भागने में कामयाब हो गए। सराफा एसोसिएशन ने भी झारखंड पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। इस बात का अंदेशा है कि जान-बूझकर सिर्फ दो को पकड़ा गया और बाकी को छोड़ दिया गया।