धनतेरस के दिन क्यों खरीदते हैं झाड़ू और इसे छुपाकर रखने क्यों कहा जाता है?

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दीपोत्सव का लोग साल भर इंतजार करते हैं और देश-दुनिया में रौशनी के इस त्यौहार से ठीक पहले धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा है। इस दिन झाड़ू खरीदने का क्या महत्व है बता रही हैं जानी-मानी ज्योतिषाचार्य आरती दहिया।

दीपावली से दो दिन पहले आता है धनतेरस, जिसे भगवान धन्वंतरी के अवतरण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान धन्वंतरी समुद्र मंथन के दौरान हाथों में अमृत कलश लेकर उत्पन्न हुए थे, इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है, जिसे घर की संपन्नता से जोड़ा जाता है।

क्यों खरीदते हैं धनतेरस पर झाडू?

इस दिन सोने-चांदी के अलावा पीतल, तांबा और स्टील के बर्तन भी खरीदे जाते हैं। इन सबके अलावा जिस चीज को खरीदने का खासा प्रचलन है, वो है झाडू। इसे खरीदने से लेकर पूजने तक कई मान्यताएं प्रचलित हैं। झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं, धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से साल भर घर में आर्थिक बरकत बनी रहती है।

ज्योतिषाचार्य दहिया बताती हैं कि धनतेरस के दिन झाड़ू लेने के बाद आप इस पर काला धागा बांध सकते हैं। झाड़ू को शुक्र का और काले धागे को शनि का प्रतीक माना गया है। इन दोनों का मेल आर्थिक समृद्धि और खुशहाली लेकर आता है। ऐसा करने से घर की नेगेटिव एनर्जी को खत्म करने में मदद मिलती है। माता लक्ष्मी की कृपा स्थायी रूप से बनी रहती है और घर के सदस्यों के काम करने की क्षमता बढ़ती है।

झाड़ू छुपा कर रखने की क्या है वजह?

अब अगर आप सोच रहे हैं कि झाड़ू छुपाकर रखने के पीछे क्या कारण हो सकता है, तो समझिए कि झाड़ू को लक्ष्मी मानते हैं। शहरों में इस बात को मान्यता न मिलती हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ये आस्था बरकरार है। जिस तरह लोग अपने गहने, रुपए और संपत्ति को लोगों से छुपाकर रखते हैं, वैसे ही लक्ष्मी के प्रतीक झाड़ू को भी बाहरी लोगों की नजर से बचाकर रखते हैं।

मां लक्ष्मी को मनाना चाहते हैं, तो इन बातों को न करें नजरअंदाज

  • इस दिन मां लक्ष्मी को मखाने की माला चढ़ाएं।
  • झाड़ू से जूठा साफ न करें, इससे मां लक्ष्मी नाराज होती हैं और बदहाली बनी रहती है।
  • झाड़ू को बेड के नीचे रखने से बचें। ये पति-पत्नी के बीच क्लेश की वजह बन सकता है।
  • टूटे झाड़ू से सफाई न करें, इससे गंदगी रह जाती है और मां लक्ष्मी का वास वहां नहीं होता है।
  • कभी भी घर से झाड़ू बाहर करना हो, तो उसके लिए शनिवार का दिन ही चुनें।
  • धनतेरस के दिन लाए झाड़ू की पहले पूजा करें, फिर इसे इस्तेमाल में लाएं।
  • धनतेरस के दिन किसी भी हालत में घर बंद न रखें, कोई न कोई सदस्य घर में सारा दिन मौजूद रहे।
  • झाड़ू पुरानी हो जाने पर लोग इसे पार्किंग एरिया या कहीं भी रख देते हैं। ऐसा करने से बचना चाहिए। पुराने झाड़ू को डस्टबिन में रखें और इसे सीधे घर से बाहर करें, ताकि घर की नेगेटिव एनर्जी बाहर हो सके।