BJP सांसद संतोष पांडेय को फरार घोषित करने का मामला, अब लोकसभा सचिवालय ने अपनाया सख्त रुख

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय को फरार घोषित करने के मामले पर लोकसभा सचिवालय ने सख्त रुख अपनाया है। सचिवालय ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा को पत्र भेजकर पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। इसमें कवर्धा एसपी की भूमिका से लेकर अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी मांगी है।

दरअसल, कवर्धा में झंडा विवाद के बाद पुलिस ने संतोष पांडेय और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। दो महीने बाद पुलिस ने दोनों को फरार घोषित कर दिया। इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से विशेषाधिकार हनन की शिकायत की थी। लोकसभा सचिवालय ने डीजीपी से पूछा है कि जब सांसद के सार्वजनिक कार्यक्रम की जानकारी पुलिस के पास है, ऐसे में फरार कैसे घोषित किया गया। यही नहीं, सांसद पांडेय के खिलाफ जो धाराएं लगाई गईं, वे किस अधार पर लगाई गईं।

डीजीपी से तथ्यात्मक रिपोर्ट की कापी हिंदी और अंग्रेजी में मांगी गई है। सांसद पांडेय ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। सरकार के इशारे पर पुलिस के अधिकारी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं। सांसद के रूप में उनके काम को प्रभावित करने के लिए पुलिस ने सोची-समझी साजिश के तहत उन्हें भगोड़ा घोषित किया है। इसे लेकर लोकसभा में 25 जनवरी को छह सांसदों के हस्ताक्षर के साथ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया था।