पलायन को रोकने एवं युवाओं में रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है क्षमता विकास परियोजना

गरियाबंद महासमुंद और धमतरी ज़िला के ढाई लाख लोगो को मिलेगा लाभ

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। प्रयोग समाजसेवी संस्था तिल्दा रायपुर द्वारा पलायन को रोकने व युवाओं मे रोजगार के अवसर प्रदान करने, देश में कोविड 19 के प्रभाव से बनी सामाजिक आर्थिक स्थिति सुधार के लिए सामुदायिक संगठनों की क्षमता विकास परियोजना आरंभ किया गया है।

विगत वर्षों से पूरे विश्व में व्याप्त महामारी के कारण सभी देश सामाजिक आर्थिक रूप से बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मुख्य रूप से मजदूर वर्ग के परिवार जो प्रतिदिन मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं इन मजदूरों में एक वर्ग प्रवासी मजदूरों का भी है जिनकी संख्या देश भर मे लाखों की है जिनको इस महामारी के चलते अनेको कठिनाइयों का सामना करना पड़ा इन मजदूरों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और मजदूरों के लिए उसके आसपास ही रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए यूरोपियन यूनियन तथा डब्ल्यू,एच,एच,के द्वारा प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया है।

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इस परियोजना को प्रारंभिक रूप से तीन राज्यों में संचालन किया जा रहा है जिसमें झारखंड,बिहार तथा छत्तीसगढ़ के तीन जिला जिसमें गरियाबंद,महासमुंद एवं धमतरी में दो लाख 50 हजार लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य इस कार्यक्रम के अंतर्गत रखा गया है।

छत्तीसगढ़ मे इस प्रोजेक्ट का संचालन प्रयोग समाज सेवी संस्था तिल्दा द्वारा किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य 4 बिंदुओं पर आधारित है जिसमें पहला कार्य असंगठित क्षेत्रों के मजदूर तथा बेरोजगार युवा वर्ग छोटे व सीमांत किसान महिला व महिला समूहों में अर्ध कुशल श्रमिक का कौशल विकास से संबंधित ट्रेनिंग कार्यक्रम का संचालन करना तथा उन लोगो के क्षमतानुसार आसपास के उद्योगों में उनकी भर्ती कराना और रोजगार के अवसर प्रदान करना तथा जो व्यक्ति अपना उधमिता स्थापित करना चाहता है उसमें सहयोग प्रदान करना और केंद्र सरकार ,राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं से वंचित योग्य परिवारों को जो मुख्यतः गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं सरकार के विभिन्न विभागों के साथ मिलकर अधिक से अधिक लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाना कॉविड 19 के प्रति जागरूकता शिविर का आयोजन करना जन सामान्य को साफ सफाई व स्वच्छता से संबंधित जानकारी इस शिविर के माध्यम से दिया जाएगा तथा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की जरूरतों, संसाधनों, की उपलब्धता युवाओं महिलाओं सीमांत व छोटे किसानों से संबंधित जरूरतों को सरकार तथा उससे संबंधित विभागों को अवगत कराते हुए उन लोगो को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना मुख्य रूप से प्रवासी मजदूरों से संबंधित शासन के नीतियों के संशोधन के लिए कार्य करना है।

यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ के इन 3 जिलों में 1 जनवरी 2022 को प्रारंभ दिसंबर 2025 तक कुल 4 वर्ष तक यह परियोजना चलेगा गरियाबंद जिला के ब्लॉक गरियाबंद के 27 ग्राम पंचायत के 54 गांव में तथा मैनपुर ब्लॉक के 18पंचायत के 84 ग्रामों में कार्य किया जा रहा है जिसमें जिला समन्वयक राजेंद्र सिंह गरियाबंद है इसमें परियोजना समन्वयक भारत भूषण ठाकुर ट्रेनर मार्केटिंग ऑफिसर पूरब धुरंधर व काजल कश्यप ,प्राँची वर्मा ,टीकम नागवंशी व अन्य कार्यकर्ता के द्वारा यह प्रोजेक्ट संचालित हो रहा है।