नई दिल्ली। 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी अब कोरोना वैक्सीन की तीसरी यानी प्रिकॅाशन डोज लग सकेगी। केंद्र सरकार ने 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को प्रिकॅाशन डोज लगाने की छूट दे दी है। ये डोज 10 अप्रैल से प्राइवेट वैक्सीन सेंटर्स पर उपलब्ध होगी। अभी तक सिर्फ 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही वैक्सीन का प्रिकॅाशन डोज लगाया जा रहा था।
किन लोगों को लगेगी कोरोना वैक्सीन की प्रिकॅाशन डोज?
18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की प्रिकॅाशन डोज लग सकेगी। हालांकि प्रिकॅाशन डोज सिर्फ उन लोगों को ही लगेगी, जिन्हें दूसरी डोज लगे 9 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। जब आपके दूसरे डोज को लगे 9 महीने पूरे हो जाएंगे, तब ही आप प्रिकॅाशन डोज लगवा सकेंगे।
प्रिकॅाशन डोज में कौन-सी वैक्सीन लगेगी?
प्रिकॅाशन डोज में कोविड की वही वैक्सीन लगेगी, जो पहले लगी है। अगर आपको कोवीशील्ड की दो डोज लगी थी, तो प्रिकॅाशन डोज भी कोवीशील्ड की ही लगेगी। अगर दो डोज कोवैक्सिन की लगी थी, तो प्रिकॅाशन डोज भी कोवैक्सिन की ही लगाई जाएगी।
कहां लगवा सकते हैं प्रिकॅाशन डोज?
सरकारी आदेश के मुताबिक 18 साल से ऊपर के सभी लोग प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स पर प्रिकॅाशन डोज लगवा सकते हैं। 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए प्रिकॅाशन डोज सरकारी केंद्रों पर उपलब्ध नहीं होगी।
सरकारी केंद्रों पर सिर्फ 60 साल से ज्यादा के बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही फ्री में प्रिकॅाशन डोज लगाई जाएगी। हालांकि सरकार की ओर से चल रही पहले और दूसरे डोज की फ्री सुविधा सभी के लिए जारी रहेगी।
प्रिकॅाशन डोज में कितना खर्च होगा?
18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए प्रिकॅाशन डोज का खर्च सरकार नहीं उठाएगी। इसके लिए आपको प्राइवेट सेंटर्स पर वैक्सीन की कीमत के हिसाब से पैसे देने होंगे।
सरकार ने प्राइवेट सेंटर्स पर कोविशील्ड की कीमत लगभग 780 रुपए, कोवैक्सिन की 1,410 रुपए और स्पुतनिक वी की कीमत 1,145 रुपए तय की हुई है।
क्या इसके लिए फिर से रजिस्ट्रेशन करना होगा?
वैक्सीन की प्रिकॅाशन डोज लेने के लिए नए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। हालांकि आपको पहले से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से कोविन पोर्टल (https://www.cowin.gov.in/) पर जाकर अपॉइंटमेंट जरूर शेड्यूल करनी होगी। ठीक वैसे ही जैसे शुरुआती दो डोज के लिए किया था।
क्या प्रिकॅाशन डोज लगवाना जरूरी है?
नहीं, इसे लगवाना जरूरी नहीं है। हालांकि कोविड के खतरे को देखते हुए ये कारगर साबित हो सकती है, क्योंकि वायरस लगातार अपने रूप बदल रहा है और पहले दो डोज से शरीर में बनी इम्यूनिटी समय के साथ धीरे-धीरे कम हो जाएगी।