- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शामिल हुए
- किसान की पारम्परिक वेश-भूषा में माटी की पूजा कर छत्तीसगढ़ में माटी पूजन महाअभियान का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद कृषि महाविद्यालय इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर भवन का लोकार्पण किया - मुख्यमंत्री ने सभी संभाग मुख्यालयों में यांत्रिकी स्किल डेव्हलपमेंट सेंटर स्थापित करने की घोषणा की
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अक्ती पर्व पर छत्तीसगढ़ की माटी पूजन की परंपरा के अनुसार ठेठ छत्तीसगढ़िया किसान की पारम्परिक वेश-भूषा में धोती कुर्ता पहनकर माटी पूजन किया और धान बुवाई की रस्म भी अदा कर छत्तीसगढ़ में माटी पूजन महाअभियान का शुभारंभ किया। रायपुर के अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में उन्होंने कोठी से पांच मुट्ठी धान निकालकर बैगा को सौंपा। बैगा ने धरती मां और ठाकुर देव की पूजा अर्चना कर बुवाई के लिए धान का बीजहा बीज मुख्यमंत्री को सौंपा। मुख्यमंत्री ने धरती मां की जयकारा करते हुए धान बीज का छिड़काव किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को भूमि की उर्वरता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जैविक खेती को अपनाने की शपथ दिलाई। उन्होंने ट्रेक्टर से खेत की जुताई की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके बाद कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित अक्ती तिहार और माटी पूजन दिवस के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा वैज्ञानिकता पर आधारित है, हमें कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए राज्य की संस्कृति परंपरा और आधुनिक तकनीक का उपयोग करना होगा। इसके लिए राज्य सरकार हर संभव बेहतर कार्य करने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी संभाग में यांत्रिकी स्किल डेव्हलपमेंट सेंटर स्थापित करने की घोषणा भी की। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद कृषि महाविद्यालय इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए डॉप्लर तकनीक का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किए गए कृषि रोज़गार मोबाइल एप्लिकेशन का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री के हाथो प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित किया गया। साथ ही विभिन्न योजनाओं के तहत बीज किट, कृषि यंत्र और अनुदान राशि का चेक भी प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान कर शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री का स्वागत सरायपाली के किसान चमार सिंह पटेल ने हल्दी की माला और कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गजेन्द्र चंद्राकर ने मखाना की माला पहनाकर किया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी भाषा के कवि श्री मीर अली मीर का भी सम्मान किया। मीर अली मीर ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा पर अक्ती तिहार की महत्ता पर कविता पाठ किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अक्ती तिहार, परशुराम जयंती और ईद की शुभकामनाएं देते हुए आगे कहा कि हमें छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपरा की अच्छी बातों को ग्रहण करते हुए आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर खेती किसानी को आगे बढ़ाना है। इसके लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विगत 35 सालों से सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यहां के कृषि वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि 35 साल में 100 से अधिक धान के उत्कृष्ट प्रजाति के बीजों का उत्पादन किया है, साथ ही छत्तीसगढ़ की 23,000 से अधिक धान की विभिन्न प्रजातियों के बीजों को संरक्षित कर विश्वविद्यालय में सुरक्षित रखा है। उन्होंने कहा कि कृषि तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए कृषि इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी महाविद्यालय भी प्रारंभ किया गया है। इससे आधुनिक तकनीक के लिए नए-नए कृषि यंत्र भी उपलब्ध हो सकेंगे।
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