
शिखादास/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स
पिथौरा ( महासमुंद)
पंचायती राज अधिनियम ग्राम सुराज व ग्रामवासियो को ठेँगा दिखाकर महीनों से लापता रहनेवाले निरँकुशता की हद पार करनेवाले ग्राम चिखली के सरपँच मोहन कुमार को अँततः एसडीएम द्वारा सरपँच पद से पृथक कर दिया गया । आपको बतादे कि सरपंच के पंचायतों के कामों में ध्यान नहीं दिए जाने और हमेशा पंचायत से नदारत रहने के चलते ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा उक्त ख़बर को छत्तीसगढ़ क्राइम्स ने प्रमुखता से उठाया था और शासनप्रशासन का ध्यानाकर्षण किया। जिसका परिणाम यह रहा कि अब सरपंच अपनी सरपंची से हाथ धो बैठा।

ज्ञात हो कि भुमिगत रहते हुए इस बीच सरपंच ने इस्तीफा दिया फिर वापिस भी लिया था,इसकी पुष्टि उपसंचालक जिलापंचायत ने भी किया था । धारा 40के तहत नोटिस भी एसडीएम द्वारा जारी किया गया इस बीच फिर लगातार गांव से ही गायब रहनेवाले सरपंच पर पंचों का धैर्य टुटा व ग्रामवासियो का भी सबने अविश्वास प्रस्ताव एसडीएम के समक्ष पेश किया । ग्राम पंचायत चिखली के सरपंच मोहनदास के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया । ग्राम पंचायत चिखली के सभी निर्वाचित पंचों के द्वारा सरपंच मोहन दास के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं विहित प्राधिकारी पिथौरा राकेश कुमार गोलछा के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के द्वारा इसका संज्ञान लेकर 24 जून 2022 को ग्राम पंचायत चिखली का सम्मिलन निर्धारित किया गया था।

इसकी अध्यक्षता हेतु तहसीलदार पिथौरा लीलाधर कंवर को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया था। ग्राम पंचायत चिखली में सरपंच और 14 पंच सहित कुल 15 सदस्य हैं। निर्धारित तिथि पर सरपंच और एक पंच को छोड़ शेष 13 पंच उपस्थित रहे। उपस्थित सभी 13 पंचो के द्वारा सरपंच को हटाने के लिये अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया गया। पीठासीन के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की घोषणा करते हुए अपना प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिथौरा को प्रस्तुत किया गया।
इस आधार पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं विहित प्राधिकारी पिथौरा राकेश कुमार गोलछा के द्वारा ग्राम पंचायत चिखली के सरपंच मोहनदास को सरपंच पद से मुक्त कर दिया गया है एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा को छत्तीसगढ पंचायत राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत अग्रिम कार्यवाही संपादित करने हेतु निर्देश जारी कर दिये गये हैं। गौगोठान गोबर को गुडगोबर करनेवाले पँचायत प्रतिनिधि गाँव से ही गायब हो जाने वाले जनता के वोटों से सरपँच पद पर आसीन होने वाले ऐसे सरपँच शासन की महत्वपूर्ण योजनाओ का बँठाधार करने वाले प्रशासन के समक्ष निरँकुशता अनियमितता प्रदर्शित करनेवाले ऐसे सरपँच को तो जीवन भर चुनाव अयोग्य घोषित कर देना चाहिए ऐसा उसके इस व्यवहार सेदुखी पँचो व ग्रामीणजन ने कहा । अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने त्वरित कार्यवाई करते हुए सीईओ जनपद को भी 27/6/22को आदेश पत्रक द्वारा किया निर्देशित। गौरतलब है कि 13/6/को सभी 14 पँचो ने अविश्वास प्रस्ताव एसडीएम को दिये थे पश्चात त्वरित कार्यवाही सारी प्रक्रियाओं के साथ करते हुए SDM ने पँचायती अधिनियम 1993 के प्रावधानों के तहत पदमुक्त किया चिखली सरपँच मोहनदास को व इसी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जनपद सीईओ पिथौरा को कार्यवाही चिखली सरपँच पर करने हेतु आदेश पत्रक 27/6/को जारी किये है।
बहरहाल लाखों करोड़ों रू की केँद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं को ग्राम विकास व उत्थान हेतु दिया जा रहा पर जमीनी स्तर पर ऐसे सरपँच सारी योजनाओं को मटियामेट कर देते है ।जिन पर त्वरित पदमुक्त वाली कार्यवाही यथोचित है । ताकि कोई भी पँचायत प्रतिनिधि जनभावनाओं से खिलवाड़ करते हुए पँचायतो की राशि मे अमानत मे खयानत ढुंढने की कोशिश भी मत कर सके ।