वर्ल्ड फूड डे: एक ऐसी सब्जी जिसका दाम सोना से भी अधिक

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। 16 अक्टूबर यानी आज पूरी दुनिया में वर्ल्ड फूड डे मनाया जाता है। आज के दिन भूख से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता फैलाने का काम किया जाता है। 16 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन की स्थापना की गई थी। इसके बाद इस संघ ने 1981 से हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड डे मनाने की शुरूआत की। तो चलिए आज आपको हम एक सुपर वेजिटेबल के बारे में बताते हैं।

अक्सर हम बाजार से हरी पत्तेदार सब्जियां 10-20 या ज्यादा से ज्यादा 40 रुपए के हिसाब से लेकर आते है। लोग अपनी पसंद के अनुसार इन्हें खरीदकर खाते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर इन सब्जियों को खाना सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। वैसे तो सब्जियों की बढ़ती हुई कीमत से हमारे देश में लोग अक्सर परेशान रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते है दुनिया की एक ऐसी भी सब्जी है जिसकी कीमत सोने के दाम से भी ज्यादा है। हॉप शूट नाम की यह सब्जी 1000 यूरो प्रति किलो बिकती है यानी भारतीय रुपए इसकी कीमत 80 हजार से ज्यादा है। दाम सुनकर आप चौंकिए मत, आज हम आपको इस सुपर वेजिटेबल की खासियतों के बारे में बताते हैं।

Chhattisgarh Crimes

यह सब्जी है हॉप शूट। इसकी कीमत 1000 यूरो यानी तकरीबन 80 से 82 हजार रुपए प्रति किलो है। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इसके दाम के बावजूद भी दुनिया भर में इसकी काफी डिमांड है।

हॉप शूट्स का जो फूल होता है उसे ‘हॉप कोन्स’ कहते हैं। इस फूल का इस्तेमाल बीयर में किया जाता है। बाकी उसकी टहनी को कई तरह से खाया जा सकता है।

हॉप शूट्स की टहनियां शतावरी पौधे की तरह दिखाई देती हैं। इसकी टहनियों की सब्जी बनाई जाती है। कुछ लोग सब्जी के बजाय इसका अचार बनाते हैं। इसके फूल स्वाद में काफी तीखे होते हैं।

हॉप में कई तरह की ऐंटीबायॉटिक की प्रॉपर्टी पाई जाती है। इसी कारण इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी के तौर पर भी किया जाता है। दांत के दर्द को दूर करने से लेकर टीबी के इलाज तक में इसका उपयोग होता है।

इसको कच्चा भी खाया जा सकता है। लेकिन ये काफी कड़वा होता है। हॉप की टहनियों का इस्तेमाल प्याज की तरह सलाद में भी किया जाता है।

Chhattisgarh Crimes

हॉप की तरह ही भारत में शिमला के जंगलों में एक सब्जी पाई जाती है, जिसका नाम है गुच्छी। ये भी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसलिए इसकी कीमत 30 से 40 हजार रुपए प्रति किलो होती है।

गुच्छी का वैज्ञानिक नाम मार्कुला एस्क्यूपलेंटा है, लेकिन इसे हिंदी में स्पंज मशरूम कहा जाता है। छतरी, टटमोर, डुंघरू या गुच्छी, ना जाने कितने ही नाम है इस अनोखी सब्जी के। इसे रोज खाने से दिल की बिमारियां दूर हो जाती है। यह सब्जी हार्ट पेशेंट के लिए उपयोगी होती है। इसमें विटामिन-बी और डी के अलावा विटामिन-सी और विटामिन-के प्रचुर मात्रा में होता है। सिर्फ भारते में ही नहीं बल्कि अमरीका, यूरोप, फ्रांस, इटली व स्विट्जरलैंड के लोग गुच्छी को खूब पसंद करते हैं।