बिलासपुर। पुलिसिंग को लेकर सख्त एसएसपी पारुल माथुर के जांच आदेश के बाद पुलिस कर्मियों के पीएफ खाते से 59 लाख का गबन करने वाली सहायक उपनिरीक्षक उड़ीसा से धरी गई प्रधान आरक्षक के साथ मिलकर फर्जी हस्ताक्षर और चालान के माध्यम से अपने ही सहकर्मियों का लाखों उड़ाने वाली महिला आरोपी एएसआई मामला उजागर होने और जुर्म दर्ज होने के बाद फरार हो गई थी जिसे बीते कल उड़ीसा पदमपुर से पकड़ा गया वही दूसरा आरोपी प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव जेल भेजा जा चुका है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक ने प्रधान आरक्षक के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों के पीएफ खाते में गड़बड़ी करने वाली एएसआइ ने फर्जी हस्ताक्षर और चालान के माध्यम से 59 लाख रुपये निकाल लिए। गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर एसएसपी पारुल माथुर ने मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर एएसआइ और प्रधान आरक्षक के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया। इस बीच दोनों फरार हो गए। पुलिस ने बीते दिनों प्रधान आरक्षक को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। वहीं, एएसआइ की तलाश की जा रही थी। रविवार को सिविल लाइन पुलिस ने ओड़िशा के पदमपुर में घेराबंदी कर महिला एएसआइ को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया।
सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि तोरवा में रहने वाली एएसआइ मधुशीला सुरजाल एसपी कार्यालय में पदस्थ थी। इस दौरान उसने प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव के खाते में रुपये नहीं होने के बाद भी 15 लाख रुपये निकाल लिए। इसी तरह उसने अन्य पुलिसकर्मियों के खाते से भी रुपये निकाले। इसके लिए उसने एसपी के फर्जी हस्ताक्षर और सील भी लगाए। साथ ही बैंक के फर्जी चालान प्रस्तुत किए। जांच के दौरान मामला सामने आने पर एसपी पारुल माथुर ने जुर्म दर्ज करने के निर्देश दिए।
सिविल लाइन पुलिस जुर्म दर्ज कर आरोपित प्रधान आरक्षक और एएसआइ की तलाश कर रही थी। बीते दिनों पुलिस ने प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इस बीच एएसआइ का सुराग नहीं मिल रहा था। जांच के दौरान पता चला कि महिला एएसआइ ओडिशा के पदमपुर में रह रही है। रविवार को जवानों ने ओडिशा में घेराबंदी कर फरार एएसआइ को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को उसे थाने लाकर न्यायालय में पेश किया गया ।