- ग्रामीण सहित परिजन सीमा से लगे फोर्स के कैंप पहुंचे पर नहीं मिली लापता युवकों की कोई जानकारी
- परिजन अब कराएंगे गुमशुदगी का मामला दर्ज
पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स
मैनपुर। विकासखंड मैनपुरअंतर्गत साहेबिनकछार भूत बेड़ा के जंगल में दो युवकों के जंगल से अचानक गायब हो जाने का मामला सामने आया है जिसके चलते ग्रामीण सहित परिजन काफी परेशान हैं वहीं संभावित स्थानों में खोजबीन किए जाने के बाद भी गुम युवकों का कहीं भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल सका हैं। काफी खोजबीन के बाद भी गुम युवकों का कहीं कोई जानकारी नहीं मिलने से ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि आखिर ए गुम युवक कहा खो गए या फिर किसी अप्रिय घटना के शिकार तो नही हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 अप्रैल दिन बुधवार को करीब 9:30 बजे के आसपास उड़ीसा फोर्स के द्वारा अचानक साहेबिनकछार जंगलों में सर्चिंग करते हुए दो ग्रामीणों को पकड़कर उड़ीसा थाना ले जाने के जानकारी मिलने पर उनके दुधमुंहे बच्चे एवं पालक के साथ क्षेत्र भर के हजारों ग्रामीणों के द्वारा युवकों के संबंध में खोजबीन और किस मामले के तहत् युवकों को उड़ीसा की फोर्स ले गई हैं उसकी जानकारी जुटाने आज सैंकड़ों ग्रामीण अपने गांव से उड़ीसा कूच किए ।
ताजा जानकारी के अनुसार क्षेत्र भर के ग्रामीण ट्रैक्टर, पिकअप, मोटरसाइकिल से सैकड़ों की संख्या में छत्तीसगढ़ बॉर्डर में स्थित उड़ीसा सीआरपीएफ कैंप पूटा नाडा कैम्प पहुंचकर दो भोले भाले युवा ग्रामीण हेमलाल नागेश पिता केवल सिंह नागेश उम्र 25 वर्ष ग्राम मोतीपानी व प्रकाश मरकाम पिता निर्जन मरकाम गोंड भूतबेड़ा 20 वर्ष के संबंध में जानकारी चाही तो सीआरपीएफ कैंप के अधिकारियों के द्वारा ग्रामीणों को समझाइश दिया गया हमारे सीआरपीएफ कैंप आपके क्षेत्र में सर्चिंग में नहीं गए थे विशेष बल बीएसओ उधर जाने पर उनके द्वारा लाया गया होगा तो उसे नवरंगपुर ले गए होंगे, आप लोग रायगढ़ थाना में जाकर बातचीत करें ऐसा कहने पर सभी ग्रामीण रायगढ़ थाना की ओर कूच कर गए।
ग्रामीणों एवं उनके पालकों ने छत्तीसगढ़ क्राइम्स को जानकारी देते हुए बताया कि दोनों तेंदूपत्ता सीजन होने के कारण तेंदूपत्ता बांधने रस्सी के लिए जंगल में गए थे पर युवक जंगल से घर नही आए हमे बताया गया है कि दोनों युवकों को उड़ीसा की सर्चिंग फोर्स पकड़ कर ले आई है।
गांव के लोग हैं जंगलों में निवासरत होने के कारण आजीविका के संसाधन जुटाने के लिए भी जंगलों में जाना पड़ता है ऐसे अचानक उठाकर ले जाने से जंगल में रहने वाले लोग कैसे जीवन निर्वहन कर पाएंगे।
इधर ग्रामीण और परिजन उड़ीसा के रायघर पुलिस थाना पहुंचे वहां पर ग्रामीणों की भीड़ को देखते हुए पांच प्रतिनिधि मंडल को थाना अंदर बुलाया गया और इस मामले पर अपना अनभिगयता जाहिर करते हुए प्रतिनिधि मंडल से कहा गया कि आप लोग अपने समीप के थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाओ उसके बाद गुम युवकों की पत्तासाजी किया जाएगा। हताश ग्रामीण और गुम युवकों के परिजन समाचार लिखे जाने तक अपने घर की और वापस आने की तैयारी कर रहे थे।
अब सवाल यह खड़ा होता है की जो युवा तेंदूपत्ता बांधने रस्सी के लिए जंगल गए थे आखिर उन्हें जंगल निगल लिया या आसमान ! दूसरा सवाल यह है कि जब उड़ीसा सीमा से लगे फोर्स ने युवकों को नहीं पकड़ा था तो फिर क्यूं भूखे प्यासे ग्रामीणों को रायघर जाकर पता करने भेज दिया गया अगर वहा की पुलिस चाहती तो आज मोबाइल क्रांति युग में संबिधित थाने से संपर्क कर गुम इंसान की जानकारी लेकर दूर दराज से आए ग्रामीणों और चिंतित परिजनों को जानकारी दे सकती थी पर यह मानवता दिखाना पुलिस ने जरूरी नहीं समझा हैं।
ग्रामीणों ने गरियाबंद कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से क्षेत्र के दो आदिवासी युवकों के अचानक गुम हो जाने के मामले पर जांच कराने की गुहार लगाने की तैयारी करने जा रही हैं।