तीन मंत्रियों का आरोप, आरक्षण खत्म करना भाजपा की ही साजिश, अब आदिवासियों को भड़का रही है RSS

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 58% आरक्षण रिवर्ट होने के बाद सरकार के खिलाफ चक्काजाम कर रही भाजपा पर कांग्रेस भड़क उठी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्रियों ने शनिवार को आरोप लगाया कि आरक्षण खत्म करना भाजपा की ही साजिश है। इसी साजिश के तहत उसने अदालत में दस्तावेज पेश नहीं किए। अब RSS आदिवासियों को भड़का रही है।

कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में प्रेस से बात करते हुए आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, RSS ने बंद कमरें में यह षडयंत्र किया है कि आदिवासी को भड़काओ। RSS यहां के भाईचारा से रहने वाले लोगों को भड़का रही है। पहले कवर्धा में देखा, वहां लोग बहकावे में नहीं आए। अब आदिवासियों को भड़का रहे हैं। आदिवासी उनके छलावे में आने वाले नहीं है। सरकार आदिवासी के साथ खड़ी है। हम उनको 32% आरक्षण दिलाकर रहेंगे। उन्होंने कहा, भाजपा के खाने के दांत और दिखाने के दांत अलग है। भाजपा हमेशा समाज को तोड़ने का काम, भड़काने का काम, देश को तोड़ने का काम करने वाली पार्टी है। यह मेरा सीधा आरोप है।

आदिम जाति विकास मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा, भाजपा के बड़े नेता गाहे-बगाहे आरक्षण को समाप्त करने की बात बोलते रहते हैं। यह लगता है कि आरक्षण को समाप्त करने की साजिश के तहत भाजपा ने ऐसा कराया है। अगर उनके मन में खोट नहीं होती, उनका आरक्षण देने का मन होता तो जितनी जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत करना चाहिए था वह करते। यह सरकार द्वारा जानबूझकर किया गया है। इसके लिए कोई दोषी है तो भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार है। भाजपा के आंसू घड़ियाली हैं। समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडिया ने कहा, जो लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं वे सचेत हो जाएं। वे RSS के कहने पर न चलें बल्कि स्थानीय आदिवासी के कंधे से कंधा मिलाकर चलें।

आरक्षण पर विपरीत फैसले के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, भाजपा पूरे प्रदेश में चक्काजाम किया है। तत्कालीन भाजपा सरकार की नाकामियों के कारण उच्च न्यायालय ने आरक्षण को रद्द किया है। इस कटौती के लिए भाजपा दोषी है। भाजपा की बदनीयत की वजह से ऐसा फैसला है। उसके बाद भी ये लोग चक्काजाम की नौटंकी कर रहे हैं। भाजपा नेताओं में थोड़ी सी भी शर्म बची हो तो अपनी पूर्ववर्ती सरकार की गलती के लिए आदिवासी समाज से माफी मांगे।

मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा, आरक्षण पर कोर्ट का जो फैसला आया है उसके लिए पूरी तरह भाजपा दोषी है। जब आरक्षण का विरोध हाईकोर्ट गया तभी उसकी जरूरत बताने वाली रिपोर्ट और डाटा हाईकोर्ट ले जाना चाहिए था। वह समय से प्रस्तुत ही नहीं हुआ। यहां तक की सीएस की अध्यक्षता वाली और गृह मंत्री ननकीराम कंवर की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को भी कोर्ट में नहीं भेजा गया।

लड़ाई को कानूनी ढंग से ही लड़े जाने की बात

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, कांग्रेस सरकार आदिवासी समाज को उनका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार बिलासपुर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गई है। हमे पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा, ये लड़ाई कानूनी है और कानूनी ढंग से लड़ने के लिए बड़े वकीलों को लगाया गया है। मंत्री कवासी लखमा ने कहा, यह राजनीति का मुद्दा नहीं है। यह कानूनी लड़ाई है। हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से लड़ रही है।

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