कोरोना से जंग के लिए अमेरिका को मिला एक और हथियार, फाइज़र के बाद मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को मिली मंजूरी

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वाशिंगटन। दुनियाभर में कोरोनावायरस से निपटने के लिए वैक्सीन का ट्रायल जारी है। इस बीच हर दिन लगभग 3000 मौतों से जूझने वाले अमेरिका ने फाइज़र के बाद मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी है। अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन के एक पैनल ने मॉडर्ना के कोरोना वायरस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है। पैनल ने इसे कोरोना से निपटने का दूसरा विकल्प बताया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि मॉडर्ना वैक्सीन का वितरण तत्काल प्रभाव से शुरू हो जाएगा। इससे पहले अमेरिका में पिछले दिनों फाइज़र द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल को पिछले दिनों मंजूरी मिली थी और लोगों को टीके दिए जा रहे हैं। कम संख्या में उपलब्ध यह टीके ज्यादातर स्वास्थ्य कर्मियों को दिए जा रहे हैं।

यह वैक्सीन काफी हद तक फाइज़र और जर्मनी की BioNtech की बनाई वैक्सीन जैसी ही है। इन वैक्सीनों पर किए जा रहे शुरुआती शोधों के मुताबिक, दोनों ही वैक्सीन सुरक्षित हैं। हालांकि, मॉडर्ना वैक्सीन का रखरखाव आसान है क्योंकि इसे फाइज़र की तरह -75 डिग्री सेल्सियस में रखने की जरूरत नहीं है।

फाइज़र के कोरोना टीके को माइनस -75 डिग्री सेल्सियस में रखना अनिवार्य है। यह टीका किसी भी वैक्सीन की तुलना में लगभग 50 डिग्री अधिक ठंडा होना चाहिए। वैक्सीन को समाप्त होने से पहले केवल पांच दिनों तक रेफ्रिजरेटर में रखा जा सकता है। फाइज़र का टीका अस्पतालों के साथ ही प्रमुख संस्थानों के लिए अधिक इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, मॉडर्ना की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस टीके को सुपर-कोल्ड तापमान पर रखने की जरूरत नहीं है।

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