नई दिल्ली। बीते कुछ महीनों में कश्मीर घाटी में स्थानीय नागरिकों एवं दूसरे राज्यों के लोगों को निशाना बनाने की घटनाएं हुई हैं। इसके चलते केंद्रीय एजेंसियां सतर्क हैं और अमरनाथ यात्रा को लेकर पुख्ता तैयारियां की जा रही हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए 5 लेयर सिक्योरिटी कवर तैयार किया जा रहा है। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले लोगों को RFID टैग मुहैया कराए जाएंगे। इसके जरिए यात्रियों की 24×7 ट्रैकिंग की जा सकेगी ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से यात्रियों के ठहरने के स्थान और कनेक्टिविटी को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं मौसम बिगड़ने की स्थिति में बचाव और स्वास्थ्य चिंताओं का ख्याल भी रखे जाने की तैयारी हो रही है।
डोभाल और सिन्हा संग अमित शाह ने की मीटिंग
इस साल 30 जून से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। इसे लेकर केंद्र सरकार कितनी सतर्क है, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि खुद होम मिनिस्टर अमित शाह ने कल मीटिंग की थी। उन्होंने सुरक्षा के इंतजामों पर बात की और जरूरी आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की यह प्राथमिकता रहेगी कि लोग आसानी से और बिना किसी देरी के अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन कर सकें। इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत कई वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी भी मौजूद थे।
ड्रोन से होगी यात्रा की निगरानी, CRPF देगी सुरक्षा
इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के लोगों ने यात्रा पर आतंकी हमले के खतरे की भी बात कही। खासतौर पर बीते कुछ दिनों घाटी में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों के बाद यह चिंताएं और बढ़ गई हैं। इसकी वजह यह है कि सुरक्षा बलों की ओर से चल रहे ऑपरेशन से बौखलाए आतंकी अब आम लोगों को निशाने पर लेने लगे हैं, जो आमतौर पर पहले नहीं होता था। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के जवान संभालेंगे। इसके अलावा पूरे रूट पर ड्रोन्स के जरिए नजर रखी जाएगी ताकि किसी भी तरह के खतरे को तुरंत भांपा जा सके। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले सभी लोगों को 5 लाख रुपये का बीमा कवर भी दिया जाएगा।