नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर बुधवार को एक बुजुर्ग कपल का वीडियो वायरल तेजी से वायरल हुआ, जिसके मुताबिक, वे मालवीय नगर में एक ढाबा चलाते हैं। लॉकडाउन के कारण कुछ वक्त से ढाबा ठप हो गया है। ऐसे में बुजुर्ग कपल का जीवनयापन काफी मुश्किल हो गया है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले शख्स ने इस बुजुर्ग कपल के लिए आर्थिक मदद मांगी थी। शख्स के खाते में 2 लाख रुपये से ज्यादा की डोनेशन आ चुकी है। वीडियो वायरल करने वाले शख्स ने बुजर्ग कपल के साथ एक और वीडियो बनाकर फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की है।
इस विडियों में लोगोंं से अपील की गई है कि वह अब बुजर्ग कपल के लिए अब और डोनेशन न करें। उनके पास 2 लाख रुपये से ज्यादा की डोनेश पहुंच गई है। वह इतनी डोनेशन से काफी खुश हैं, इनसे उनकी जरूरतों आसानी से पूरी हो जाएगी। साथ ही वीडियो में बुजुर्ग कपल ने लोगों से अपील की है वह किसी और जरूरतमंद की आर्थिक मदद करें।
आर्थिक तंगी से परेशान बुजुर्ग कैमरे पर रोने लगा
सोशल मीडिया पर बुधवार को ट्विटर पर एक बुजुर्ग कपल का वीडियो वायरल हुआ, जिसके मुताबिक, वे मालवीय नगर में एक ढाबा चलाते हैं। लेकिन काम इतना मंदा चल रहा है कि बुजुर्ग कैमरे के सामने रोने लगा। उनके आंसू देखकर बहुतों का दिल पसीज गया और अब देशभर से लोग इनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं। और हां, सबसे खूबसूरत बात ये कि बहुत से लोग तो ‘बाबा का ढाबा’ पर पहुंच भी चुके हैं, जिसके कारण एक बार फिर इस कपल के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। ढाबे में जब भीड़ लग गई तो उन्होंने एक बात कही जोकि लोगों के दिल को छू गई।
लगने लगी लाइन
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में एक 80 साल के बुजुर्ग की आंखें नम थी। उनको तकलीफ थी कि कोई भी उनके ढाबे में खाना खाने नहीं आता। किसी शख्स ने उनका वीडियो वायरल कर दिया। इस वीडियो को कई बड़ी हस्तियों ने भी ट्वीट किया और बुजुर्ग की मदद करने को कहा। वीडियो वायरल होने के कुछ ही देर बात बाबा का ढाबा में लंबी लाइन लग गई। दूर-दूर से लोग ढाबे की स्पेशल पनीर खाने आ रहे हैं।
कौन हैं कांता प्रसाद
‘बाबा का ढाबा’ चलाने वाले बुजुर्ग का नाम कांता प्रसाद है और पत्नी का नाम बादामी देवी है। ये दोनों कई सालों से मालवीय नगर में अपनी छोटी सी दुकान लगाते हैं। दोनों की उम्र 80 वर्ष से ज्यादा है। कांता प्रसाद बताते हैं कि उनके दो बेटे और एक बेटी है। लेकिन तीनों में से कोई उनकी मदद नहीं करता है। वो सारा काम खुद ही करते हैं और ढाबा भी अकेले ही चलाते हैं। कांता प्रसाद पत्नी की मदद से सारा काम करते हैं। वो सुबह 6 बजे आते हैं और 9 बजे तक पूरा खाना तैयार कर देते हैं। रात तक वो दुकान पर ही रहते हैं। लॉकडाउन के पहले लोग यहां खाना खाने आया करते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद उनकी दुकान पर कोई नहीं आता है। इतना कहकर वो रोने लगते हैं।