इस दौरान 12 महीने तक नक्सलियों का सबसे सशक्त फोर्स से सामना होगा। बारिश से पहले फोर्स को एडवांस बनाने की कवायद चलेगी। फोर्स को जंगलों में ऐसे वैपन्स के साथ उतारा जाएगा जिनका इस्तेमाल आर्मी के जवान करते हैं। बस्तर के जंगलों में जवान टैंक पर सवार होकर भी ऑपरेशन में जाएंगे।
डीआरडीओ और टाटा एडवांस का बुलेट प्रूफ टैंक जंगल में चलेगा
बस्तर के नक्सल मोर्चे पर अब डब्ल्यूएचपी टैंक दिखाई देंगे। इसे डीआरडीओ और टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड ने तैयार किया है। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा इस बारे में पहले ही जानकारी दे चुके हैं। अब इसकी खरीदी को मंजूरी दी गई है। नक्सल विरोधी अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 14 करोड़ की लागत से एक विशेष डब्लूएचएपी टैंक खरीदा जाएगा। इस टैंक की खासियत है कि यह पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है। 8 चक्कों का यह टैंक दुर्गम रास्तों और पहाड़ी रास्तों पर चल सकता है।75 करोड़ की लागत से बनेगा फोर्स का अस्पताल
अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान जगदलपुर में 75 करोड़ रुपए की लागत से जगदलपुर में फोर्स के लिए अस्पताल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। बताया गया कि यह अस्पताल नक्सल ऑपरेशन में घायल होने वाले जवानों के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही अस्पताल में पुलिस परिवारों का भी इलाज होगा। अस्पताल के लिए प्रदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों को जगदलपुर में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा 520 करोड़ से पुलिस थानों, प्रशिक्षण केंद्रों, प्रशासनिक भवनों और पुलिस आवासों का निर्माण किया जाएगा।
350 करोड़ से फोर्स होगी अपग्रेड
फोर्स में एके 47 को अपग्रेड करने, कम्यूनिकेशन मशीनें खरीदने, बुलेट प्रूफ जैकेट और फोर्स को ड्रोन से लैस करने के लिए 350 करोड़ खर्च किए जाएंगे। नक्सल मोर्चे के लिए इंटेलिजेंस को और मजबूत करने के लिए नए भवन और मशीनों की खरीदी की जाएगी। इस पर लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे।