आरोप है कि नियमों को दरकिनार कर लिस्ट जारी की गई है, जिसमें जूनियर को सीनियर बनाकर बचा लिया गया है। वहीं, पद को छिपाने और चहेतों को लाभ पहुंचाने का भी आरोप लग रहा है। शिक्षकों को दावा आपत्ति के लिए भी मौका नहीं दिया गया। काउंसिलिंग बुधवार की सुबह 10 बजे और दोपहर 3 बजे होगी।
दरअसल, लोक शिक्षण संचालनालय से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है, जिसमें 28 मई तक अतिशेष शिक्षकों का परीक्षण कर 4 जून तक पदस्थापना आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत बिलासपुर में 4 जून को काउंसिलिंग के लिए आदेश जारी किया गया।
पहले 3 बजे रात और अब दोपहर 3 बजे काउंसिलिंग
बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी ने सोमवार को काउंसलिंग आदेश जारी किया था, जिसमें शिक्षकों को रात 3 बजे काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। इस आदेश में अब संशोधन किया गया है। संशोधित आदेश के अनुसार, 4 जून की सुबह 10 बजे से प्रधानपाठक शाला और सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग की जाएगी।
पं. देवकीनंदन दीक्षित ऑडिटोरियम, स्वामी आत्मानंद लाल बहादुर शास्त्री उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। वहीं, दोपहर 3 बजे से हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री विद्यालयों के प्राचार्य, व्याख्याता, विज्ञान सहायक शिक्षक, लिपिक और भृत्य को स्व. लखीराम अग्रवाल स्मृति ऑडिटोरियम में बुलाया गया है।
एक दिन पहले जारी की अतिशेष शिक्षकों की सूची
काउंसिलिंग से एक दिन पहले मंगलवार की सुबह अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की गई, जिसके अनुसार करीब 800 टीचर अतिशेष हैं, इसमें बिल्हा ब्लॉक में व्याख्याता के 62, कोटा में 16, मस्तूरी में 19 और तखतपुर में 36 व्याख्याता शामिल हैं। जबकि, शेष टीचर मिडिल और प्राइमरी स्कूल में पदस्थ हैं।
दावा-आपत्ति करने भटकते रहे टीचर, नहीं दिया मौका
लिस्ट जारी होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आपत्ति आवेदन नहीं लेने पर शिक्षक कलेक्ट्रेट में भटकते रहे। इस दौरान जनदर्शन में भी अतिशेष शिक्षकों की भीड़ रही। उनका कहना था कि विभाग के अफसरों ने मनमानी तरीके से लिस्ट जारी किया गया है। दावा-आपत्ति करने का मौका भी नहीं दिया गया है।
कलेक्ट्रेट में भी आवेदन लेकर उन्हें पावती नहीं दी गई। शिक्षकों ने नियमों को दरकिनार कर लिस्ट जारी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विषयवार अतिशेष शिक्षकों की लिस्ट बनाई गई है, जिसमें सीनियर को जूनियर बताकर उनका नाम लिस्ट में शामिल किया गया है। जबकि, चहेते जूनियर शिक्षकों को सीनियर बता दिया गया है।
सेजस स्कूल के शिक्षकों के साथ भेदभाव
अतिशेष शिक्षकों में स्वामी आत्मानंद (सेजस) स्कूल के शिक्षकों के साथ भी भेदभाव करने का आरोप है। शिक्षकों ने बताया कि 3 साल पहले जब स्वामी आत्मानंद स्कूल बना, तब शिक्षकों से सहमति और असहमति मांगी गई थी। तब शिक्षकों ने असहमति जताई और दूसरी जगह पोस्टिंग की मांग की।
हाल ही में लोकशिक्षण संचालनायल ने भी आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया कि, जो शिक्षक असहमत हैं उन्हें काउंसिलिंग में मौका दिया जाएगा। जबकि, चहेते शिक्षकों का लिस्ट शामिल किया गया है। उनकी मांग है कि उन्हें अतिशेष मानकर दूसरी जगह पर पोस्टिंग दी जाए।
प्राचार्य प्रमोशन में नाम फिर भी अतिशेष
वहीं, कई व्याख्याता ऐसे हैं, जिनका प्रमोशन प्राचार्य के पद पर हो गया है। उनकी पदोन्नति का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इसके बाद अब उन्हें अतिशेष बताकर लिस्ट में उनका नाम शामिल किया गया है। इस स्थिति में उन्हें प्राचार्य प्रमोशन के लिए फिर से पदस्थापना के लिए जद्दोजहद करनी पड़ेगी।