बच्चों, महिलाओं को सुपोषण चैपाल में बताया जा रहा पौष्टिक आहार का महत्व

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रायपुर। बच्चे, गर्भवती तथा शिशुवती महिलाओं को कुपोषण से निजात दिलाने के लिए राज्य शासन द्वारा नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। सुपोषण के बारे मे जागरूकता लाने तथा बच्चों, महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विशेष निर्देश दिए गए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान सुपोषण के बारे में जागरूकता लाने के लिए गांवों में सुपोषण चैपाल का आयोजन किया जा रहा है। सुपोषण चैपाल मे लोगों को पौष्टिक आहार का महत्व बताने के साथ चित्रकारी, स्लोगन तथा रंगोली द्वारा भी संदेश दिया जा रहा है।

कोरोना महामारी के दौर मे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। सुपोषण चैपाल अभिभावकों को विभिन्न पौष्टिक आहारों का महत्व के साथ-साथ उसके सेवन करने के तरीके को भी बताया जा रहा है। इसके साथ ही स्थानीय फल, सब्जियों और अनाज में मौजूद पोषक तत्तों के बारे में बताया जा रहा है। मौसमी फलों के उपयोग की भी जानकारी दी जा रही है। महिलाओं को बच्चों के शुरूआती एक हजार दिन तक विशेष देखभाल और स्तनपान के महत्व को बताया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में फल,अनाज और सब्जियों से बनाई रचनात्मक चित्रकारी से बच्चों के साथ बड़े भी रूचि लेकर सुपोषण का महत्व समझ रहे हैं। केन्द्र के साथ साथ कार्यकर्ताओ और समूह की महिलाओं द्वारा अपने घरंोे मे पोषण संबंधी आकर्षक रंगोली तथा चित्रकारी बनाई जा रही है। इससे महिलाओं तथा बच्चों मे सुपोषण के बारे मे जागरूकता आ रही है।