0 राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के वशीभूत होकर जनस्वास्थ्य के साथ अक्षम्य खिलवाड़ करने के अपराध-बोध से ग्रस्त कांग्रेस और प्रदेश सरकार अब अपनी विफलता छुपाने राजनीतिक प्रलाप कर रही हैं
0 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- वैक्सीनेशन की उम्र 18 वर्ष करने की मांग ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तमाम कांग्रेस नेता दिल्ली के एक ही रिमोट से संचालित होकर एक ही सुर में बेसुरा राग आलाप रहे हैं
0 सालभर में प्रदेश में कोरोना से मुक़ाबले के लिए न तो स्वास्थ्य सेवाएँ दुरुस्त हुईं, न मरीजों के इलाज की सुविधाएँ बढ़ीं और न ही नए कोविड सेंटर्स बने, प्रदेश आज भी असहाय खड़ा है: साय
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की बेक़ाबू रफ़्तार थामने में बुरी तरह विफल साबित हो चुकी प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को हर बात में मीन-मेख निकालकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ नित-नया प्रलाप करने की बुरी लत लग गई है। साय ने कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ जारी ज़ंग में प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेतृत्व ने बड़ी-बड़ी डींगें हाँककर जिस तरह का ग़ैर-ज़िम्मेदाराना आचरण किया है, उसकी कोई और मिसाल शायद ही मिले। साय ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के वशीभूत होकर प्रदेश के जनस्वास्थ्य के साथ अक्षम्य खिलवाड़ करने के अपराध-बोध से ग्रस्त कांग्रेस और प्रदेश सरकार अब अपनी विफलता छुपाने राजनीतिक प्रलाप कर रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने वैक्सीनेशन की उम्र 18 वर्ष करने की कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम और मुख्यमंत्री बघेल की मांग को लेकर कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तमाम कांग्रेस नेता दिल्ली के एक ही रिमोट से संचालित हो रहे हैं और एक ही सुर में बेसुरा राग आलाप रहे हैं। वैक्सीनेशन की उम्र 18 वर्ष करने की मांग महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष भी कर चुके हैं। साय ने कहा कि दरअसल छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए ठोस और सर्वहितकारी काम करने के बजाय कांग्रेस नेताओं और प्रदेश सरकार ने सालभर सिवाय राजनीतिक प्रलाप करने और केंद्र सरकार पर अपनी विफलता का ठीकरा फोड़ने के निकृष्ट राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन करने के अलावा और कुछ नहीं किया। साय ने कहा कि कोरोना गाइडलाइंस की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाकर, लॉकडाउन को ग़ैर-ज़रूरी बताकर, वैक्सीन को लेकर घटिया राजनीतिक सोच का परिचय देकर जिस कांग्रेस और प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को आज महामारी की अंधी खाई में धकेलकर रख दिया है, वह पार्टी और सरकार आख़िर किस मुँह से केंद्र सरकार को नसीहतें देने का दुस्साहस कर रही है?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने राजधानी समेत प्रदेश के अन्य ज़िलों में कोरोना संक्रमण के चलते हालात पूरी तरह बेक़ाबू हो जाने के बाद लॉकडाउन की घोषणा करने पर प्रदेश सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम इस बात का ज़वाब प्रदेश को दें कि केंद्र सरकार को उलाहना देकर प्रदेश सरकार ने बड़ी-बड़ी डींगें हाँकी थी कि हम अपने बूते मुफ़्त टीकाकरण कराएंगे, उसका क्या हुआ? साय ने यह भी पूछा कि को-वैक्सीन को लेकर राजनीतिक दुर्भावनावश उसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठाकर और वैज्ञानिकों के पुरुषार्थ को अपमानित करके अपने हठीले रवैए के चलते टीकाकरण नहीं होने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव की ज़िम्मेदारी कौन तय करेगा? कांग्रेस नेता अपनी सरकार की विफलताओं से कब तक मुँह चुराते प्रदेश के कोरोना संक्रमितों को एक्सपायरी डेट की दवाएँ देकर उनकी सेहत और जान से खिलवाड़ होते देखते रहेंगे? छत्तीसगढ़ में वैक्सिन को लेकर भ्रम फैलाने, वैक्सिनेशन को लेकर उदासीनता दिखाने के जैसे कृत्य के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत से ही प्रदेश सरकार को आवश्यक उपायों के लिए आगाह किए जाते रहने के बावज़ूद प्रदेश सरकार क्रिकेट मैच और मेला-महोत्सव में ही मशगूल रही। कोरोना से जूझते प्रदेश को भगवान भरोसे छोड़कर मुख्यमंत्री बघेल असम में चुनावी रैलियाँ करने और नाच-गाने में मगन थे! साय ने केंद्र सरकार के सामने एक बार फिर पैसों के लिए कांग्रेस नेताओं के प्रलाप करने पर तीखा कटाक्ष कर कहा कि कांग्रेस नेता पहले प्रदेश सरकार से तो यह पूछें कि कोरोना के नाम पर शराब पर सेस के जरिए जुटाए गए करोड़ों रुपए प्रदेश सरकार ने कहाँ ख़र्च किए क्योंकि सालभर में प्रदेश सरकार ने कोरोना के मुक़ाबले के लिहाज़ से न तो अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया, न कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधाओं का विस्तार किया और न ही नए कोविड सेंटर्स बनाए। आज प्रदेश कोरोना के ख़िलाफ़ ज़ंग में वहीं खड़ा नज़र आ रहा है जहाँ न ऑक्सीज़न बेड उपलब्ध हैं, न अस्पतालों में इलाज के लिए ज़गह बची है, वैक्सीनेशन की रफ़्तार भी काफी धीमी है। साय ने कहा कि पहले प्रदेश सरकार अपने दम पर कुछ ठोस और लोकहितकारी क़दम उठाकर कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में अपनी इच्छाशक्ति का परिचय दे।