दुर्ग। विश्वहिंदू परिषद बजरंग दल के नेतृत्व में 19 दिसम्बर को शौर्य संचलन पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पथ संचलन अग्रसेन चौक से लेकर पटेल चौक तक किया गया। पथ संचलन में विश्व हिंदू परिषद एवम बजरंग दल सदस्य भारी संख्या में शामिल हुए।
विश्वहिन्दू परिषद बजरंग दल के राकेश शिंदे ने बताया कि बड़े हर्ष उल्लास से हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्वहिंदू परिषद बजरंग दल पदसंचलन का आयोजन 19 दिसम्बर को अग्रसेन चौक से इंदिरा मार्केट होते हुए पटेल चौक तक किया गया जिसमे सभी सदस्यों ने अनुशासन का पालन करते हुए पद्संचलन में भाग लिया।
आगे की जानकारी अपुर्व सिंह जिला संयोजक ने कहा बजरंग दल की स्थापना 8 अक्टुबर 1984 को अयोध्या में हुई। ‘श्रीराम जानकी रथ यात्रा अयोध्या से प्रस्थान के समय तत्कालीन सरकार ने सुरक्षा देने से मना कर दिया उस समय संतो के आव्हान पर विश्व हिन्दू परिषद द्वारा वहां उपस्थिति युवाओं को यात्रा की सुरक्षा का दायित्व दिया। श्रीराम के कार्य के लिए हनुमान सदा उपस्थित रहे है। उसी प्रकार आज के युग में श्रीराम के कार्य के लिए यह बजरंगियों की टोली बजरंग दल के रूप में कार्य करेगी। बजरंगदल का संगठन किसी के विरोध में नही बल्कि हिन्दूओं को चुनोती देने वाले असमाजिक तत्वों से रक्षा के लिये हुआ। उस समय केवल स्थानीय युवाओं को ही दायित्व दिया गया जो श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के कार्यो में सक्रिय रह सके। देश भर के युवा राष्ट्र और धर्म के कार्य के लिये आतुर थे माने वह प्रतीक्षा ही कर रहे थे, जैसे ही अवसर आया सम्पूर्ण देश की राष्ट्रभक्ति तरूणाई बजरंगदल के रूप में प्रकट हो गयी।
रघुवीर साहू व बंटी पवार ने बताया श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के विभिन्न चरणों की घोषणा होती रही और बजरंगदल उस अभियान को सफलता पूर्वक करता गया। रामशिला पूजन, चरण पादुका पूजन, राम ज्योति यात्रा, कारसेवा, शिलान्यास आदि। 30 अक्टूबर, 02 नवम्बर 1990 की कारसेवा का दृश्य यह प्रकट करता है कि हिन्दू युवा हिन्दूमान विन्दुओं का अपमान नही सह सकता चाहे कितना भी बलिदान देना पड़े। अनेक बजरंगदल के कार्यकर्ताओं का बलिदान 1990 की कारसेवा में हुआ। लेकिन बजरंगदल अधिक प्रभावी और सक्रियता से आन्दोलन में भूमिका निर्वाह करने लगा।
अपने देश में हिन्दुओं की इस दशा पर सम्पूर्ण देश आक्रोशित हुआ। शौय का 1992 की कारसेवा में सम्पूर्ण हिन्दू समाज का आक्रोश प्रकट हुआ, और इतिहास बन गया। सम्पूर्ण देश का बजरंगदल पर विश्वास हो गया कि हिन्दू समाज व हिन्दू मान बिन्दुओं की रक्षा में बजरंगदल सक्षम है। 1993 में बजरंगदल का अखिल भारतीय संगठनात्मक स्वरूप तय हुआ। सभी प्रान्तों में बजरंगदल की इकाई घोषित हो गयी, आज देश भर में बजरंगदल सक्रिय है। हिन्दू धर्म, हिन्दू मानबिन्दुओं की रक्षा, शाश्वत हिन्दू जीवन मूल्यों का संरक्षण राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्य को लेकर एक सशक्त युवाओं की टोली बजरंगदल के रूप में कार्य कर रही है।