रायपुर। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा जशपुर जिले के बालाछापर गांव में नवनिर्मित ट्रायबल टूरिज्म एथनिक रिसॉर्ट इन दिनों सैलानियों को बेहद आकर्षित कर रहा है। इसका निर्माण 1.65 हेक्टेयर में किया गया है। रिसॉर्ट में 6 वुडनकॉर्टेज, 18 पिलेज कॉटेज, 10 क्राफ्ट हट, एक कैफेटेरिया, 1 एम्फीथिएटर, कांफ्रेस रूम, 3 टेंट प्लेटफॉर्म सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था पर्यटकों के लिए की गयी है। रिसॉर्ट की बुकिंग इस महीने की एक तारीख से शुरू हो गया है।
आदिवासी कला एवं संस्कृति को समेंटते हुए जशपुर विकासखंड के बालाझापर में स्वदेश दर्शन योजना के तहत् 13 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से सरना एथनिक रिसॉर्ट (ट्रायबल टूरिज्म सर्किट) का निर्माण किया गया है। इसका निर्माण साढ़े चार एकड़ रकबे में कराया गया है, जहां जशपुर जिले के पुरातत्व, कला-संस्कृति एवं आदिवासी जीवन शैली की अद्भूत छटा को इस चार एकड़ रकबे में समेटा गया है।
सरना एथनिक रिसॉर्ट का शुभारंभ छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से किया था। रिसॉर्ट की मुख्य द्वार के पीलर पर जशपुर के हरार्डीपा शैली की पत्थर की मूर्तियां लगाई गई है। यहां लैण्डस्केप तथा ओपन एफी थिएटर सहित ईको लाग हट्स का निर्माण कराया गया है। जशपुर जिले के पुरातात्विक स्थल पर विद्यमान पत्थर की मूर्तियों को ध्यान में रखते हुए उसी शैली में पत्थर की मूर्तियां बनाई गई है। जिसे मुख्यद्वार पर लगाया गया है।
जशपुर शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस सरना एथनिक रिसॉर्ट में प्रतिदिन चार से पांच सौ पर्यटकों की भीड़ होती है। जशपुर जिले में इस तरह के रिसॉर्ट के निर्माण हो जाने से यहां की आदिवासी कल्चर एवं सस्कृति अन्य राज्य, देश के पर्यटकों तक पहुंचेगी। रिसॉर्ट के मैनेजर आशीष तिर्की ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन रिसॉर्ट के सभी कॉटेज पूरी तरह से बुक होते है। जशपुर जिला प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण होने से यहां पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रहती है। साथ ही उनके लिए आदिवासी कल्चर में रहना बेहद रोचक होता है। बुकिंग शुरू होने के बाद से रायपुर, बिलासपुर, भोपाल, सहित अन्य राज्य के लोग रिसॉर्ट में जशपुर के पर्यटन स्थलों का आनंद ले चुके है। रिसॉर्ट में यहां के स्थानीय व्यंजनों का भी पर्यटक आनंद ले रहे हैै।