रायपुर। बंजर जमीन में लाख खेती करके बिहान स्वसहायता समूह की महिलाओं ने एक लाख 75 हजार रूपए का लाभ अर्जित किया है। कांकेर जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से गांवों में निरंतर विकास हो रहा है। भानुप्रतापपुर के ग्राम बनौली एवं बॉसकुण्ड में लाख की खेती को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा के तहत बंजर व पथरीली जमीन को खेती योग्य बनाया गया है। लाख की खेती से आजीविका के साधनों को बढ़ाने व प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने के लिए बिहान की राधा स्व-सहायता समूह को 02 एकड़ रकबे में चार हजार सेमियलता के पौधे रोपण हेतु मनरेगा के तहत दिया गया था।
जिला पंचायत के सीईओ डॉ संजय कन्नौजे बताया कि स्व-सहायता समूहों को कृषि विज्ञान अनुसंधान केन्द्र से प्रशिक्षत करके उन्हे बिहान के माध्यम से बैंक लिंकेज के माध्यम से सिंचाई के लिए ड्रीप की सुविधा दिलायी गयी। स्व-सहायता समूह ने जहॉ प्रथम वर्ष 02 क्विंटल लाख का उत्पादन किया वहीं उसी लाख के बीज से दूसरे वर्ष में 06 क्विंटल लाख का उत्पादन कर एक लाख 74 हजार रूपए आमदनी प्राप्त किया। इस प्रकार मनरेगा ने वनांचल उत्तर बस्तर के बनौली गांव में बंजर व पथरीली धरती की किस्मत बदल दी। कांकेर जिले में मनरेगा के अंतर्गत किये गयो इस कार्य ने बंजर जमीन के टुकड़े को कमाउ संसाधन में बदल दिया है इससे गांवों में हरियाली बिखरने के साथ ही पर्यावरण में भी सुधार हो रहा है।
ग्राम बनौली के सरपंच श्रीमति पवनबती ने बताया कि मनरेगा के तहत् सेमियलता के पौधा रोपण कर लाख उत्पादन से राधा समूह की महिलाओं की आमदनी में वृद्धि हुई इससे गांव के अन्य लोग भी लाख उत्पादन हेतु प्रोत्साहित हो रहे है। सेमिलयता पौधे 06 माह में ही ग्रोथ कर लेते है जिसको कटाई कर रोपित करने पर लाख के कीडे़ डालने पर डेढ़ वर्ष में एक लाख की लाख उत्पादन कर लिया जाता है। लाख की खेती को जिले में और विस्तार करते हुए मनरेगा के तहत गौठान ग्रामों व हितग्राहियों की बाड़ियों में सेमिलयता का पौधारोपण कर लाख की खेती को बढ़ाया जा रहा है। कृषि अनुसंधान केन्द्र कांकेर को मनरेगा में 60 हजार सेमियलता के पौधारोपण करने दिया गया था, जिसे इस वर्ष जिले के 06 गांवो में हितग्राहियों के बाड़ियों व गोठानो मे कुल 28 एकड़ में लाख की खेती की जाएगी।