
छग क्राईम
महासमुन्द /रायपुर
जनवरी 2023किस अधिकारी का dream project और बाइसन की मौत ?जंगल का जंगल राज!!_
बारनवापारा अभयारण्य सेगुरुघासीदास टाईगर रिजर्व भेजे गये बाईसन की मौत का मामला?उपजते गहराते प्रश्न दर प्रश्न
जंगल सफारी के तानाशाह अफसरान व डाक्टर पर गहराते सवाल ?
साउथ अफ्रीका से 2022मे मंगायी गयी कालातीत (एक्सपायरी) इंजेक्शन से हुई मौत?
बरनावापारा अभ्यारण से गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व भेजे गए बाईसन की मौत का मामला बहुत ही संदिग्ध नजर आ रहा हैं
वन्य प्राणी संरक्षण के संरक्षक वन अफसरान की बहुत बड़ी लापरवाही विभागीय दस्तावेज ही बता रहे बेरहमी से कालातीत इंजेक्शन लगाने जैसी लापरवाही सामने आई है !
2 मार्च/
25 जनवरी को बरनावापारा अभ्यारण से गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व भेजी गई मादा सब एडल्ट बाइसन की मौत 12 घंटे की ट्रक की यात्रा के बाद गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व पहुंचने पर हो गई थी।
इस मामले में वन विभाग के ही दस्तावेज यह बता रहे हैं कि बाइसन की हत्या की गई।
**बेहोशी से निकालने की दवा कालातीत थी**
बड़े वन्य प्राणियों को ट्रांस्लोकेट करने के लिए पहले उन्हें पकड़ने (कैप्चर) करने के लिए बेहोश किया जाता है। बेहोशी से निकलने के लिए उसी बेहोश करने वाली दवा की एंटीडॉट (रेवेर्सल) का इंजेक्शन दिया जाता है। दुर्भाग्यपशाली मादा सब एडल्ट बाइसन को बेहोश करने की जो दवा दी गई थी वह कैपटीवान थी। कैपटीवान कितनी ताकतवार होती है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह मोर्फिन से तीन से आठ हजार गुना ताकतवार होती है। मादा सब एडल्ट को कैपटीवान तो दी गई पर उसका असर पलटने के लिए जो एक्टिवोन का इंजेक्शन लगाया गया वह एक्टिवान 10 महीने पहले ही कालातीत (एक्सपार) हो गई थी, इसलिए वह एक्टिवोन असर नहीं कर पाई और मादा सब एडल्ट बाइसन की मौत ताकतवार कैपटीवान के असर में घंटो रहने के कारण हो गई।
तड़प तड़प के मरी होगी***
यदि बेहोशी से निकालने वाली एक्टिवोन का प्रयोग नहीं किया जाता है या वह कालातीत होने से अप्रभावी हो जाती है, तो बाइसन जैसे वन्यप्राणी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। जैसे लंम्बे समय तक बेहोश रहने से सांस लेने की दर धीमी हो जाती है जिससे मौत हो जाती है। हृदय संबंधी जटिलताएं पैदा होती है जैसे रक्तचाप और हृदय गति पर असर, हृदयघात से मौत। लम्बे समय तक बेहोश रहने से वन्यप्राणी अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में असमर्थ हो जाते हैं ऐसी बहुत तकलीफों से मादा सब एडल्ट बाइसन की मौत हुई होगी।
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क्या कहते है दस्तावेज📝✍🏽
इसमें से बेहोशी से निकालने वाली दवा एक्टिवोन के
वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने पूरे दस्तावेज शासन को भेजते हुए मृत बाइसन को न्याय दिलाने की मांग की है। सिंघवी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) से आग्रह किया है कि वो जनता को बतायें कि कालातीत दवाई का उपयोग क्यों किया गया जिससे बाइसन मर गया? वो कौन था जिसने जंगल सफारी से कालातीत दवाई बलोदा बाज़ार वनमण्डल भेजी? वो डॉक्टर कौन था जिसने कालातीत दवाई बाइसन को लगाईं? सिंघवी ने यह भी पूछा कि बारनावापारा अभ्यारण से गुरु घासीदास नेशनल पार्क 40 बाइसन भेजने की अनुमति 2018 में मिली थी उसके बाद चार साल में कोई कार्यवाही नहीं हुई फिर जनवरी 2023 में किस अधिकारी ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया जिसके कारण बाइसन की मौत हुई?