बस्तर-सरगुजा के 65 मार्गों पर जल्द चलेंगी CM ग्रामीण बसें

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर और सरगुजा संभाग के अंदरूनी इलाकों में मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा का रास्ता लगभग साफ हो गया है। जल्दी ही दोनों ही संभागों के 9 जिलों के 13 रूट के 65 ग्रामीण मार्गों में इसका संचालन होगा। इनमें बस्तर के 6 और सरगुजा के 3 जिलों को शामिल किया गया है। बस मालिकों से आवेदन मंगवाए गए हैं। 30 जून तक जमा होने वाले आवेदनों की जांच करने के बाद उसी दिन निविदा को खोला जाएगा।साथ ही इसकी सुनवाई करने के बाद राज्य परिवहन प्राधिकार परमिट जारी करेगा। परिवहन विभाग के सचिव एस प्रकाश ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना से दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को आसान, सुरक्षित और किफायती परिवहन सुविधा मिलेगी। इसके शुरू होने से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी मिलने के साथ ही विकास को नया आयाम मिलेगा।

इनको मिलेगी 50 फीसदी की छूट

बता दें कि इन बसों के संचालन के लिए एससी, एसटी, ओबीसी, महिला तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता के साथ परमिट जारी किया जाएगा। साथ ही दिव्यांग, 80 साल से अधिक आयु वाले, एड्स पीड़ितों को मुफ्त में यात्रा और नक्सल प्रभावित व्यक्ति को किराए में 50 फीसदी की छूट मिलेगी।

ग्रामीणों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना मकसद

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसानों, काश्तकार, मजदूरों छोटे एवं मध्यम कारोबारियों के साथ ही ग्रामीणों को बेहतर आवागमन सुविधा उपलब्ध कराना है। ताकि वह अंदरूनी क्षेत्रों में रहने वालों को अपनी दैनिक जरूरतों, कारोबारी गतिविधियों के संचालन, वनोपज एवं स्थानीय उत्पादों का विक्रय एवं परिवहन कर सकें। बेहतर उपचार के लिए ब्लॉक, तहसील और जिला मुख्यालय तक सार्वजनिक बस सेवा से लाभ उठा सकें।

बता दें कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के अंदरूनी इलाकों में सड़कों का निर्माण करने के बाद बस सेवा शुरू करने की कवायद चल रही थी। योजना के तहत 18 से 42 सीटर बसों का संचालन किया जाएगा। साथ ही पहले साल 26 रुपए प्रति किमी, दूसरे साल 24 रुपए और तीसरे साल 22 रुपए प्रति किमी की वित्तीय सहायता मिलेगी।

अगले महीने से दौड़ेंगी बसें

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 30 जून को आवेदन के बाद उसी दिन निविदा प्रपत्रों को खोला जाएगा। इसके बाद सारी औपचारिकता और दावा-आपत्तियों की सुनवाई कर जुलाई 2025 से बसों को शुरू करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए मार्गों की पहचान कर रूट मैप भी तैयार कर लिया गया है।

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