गरियाबंद वनमंडल के मैनपुर रेंज में अवैध शिकार से भालू की मौत

गरियाबंद वन मंडल में अब तक 20 भालू और 40 तेंदुआ का अवैध शिकार

Chhattisgarh Crimes

गरियाबंद | गरियाबंद वनमंडल के मैनपुर रेंज में अवैध शिकार से भालू की मौत हुई है | गरियाबंद वन मंडल में अब तक 20 भालू और 40 तेंदुआ का अवैध शिकार किया जा चुका है | गरियाबंद वन मंडल में अवैध शिकार करने के लिए उड़ीसा और कांकेर क्षेत्र से शिकारी आते है और बड़े आराम से अवैध शिकार को अंजाम दे कर चले भी जाते है और वन विभाग को कानो कान खबर नहीं होती है | सैकड़ो की संख्या में वन विभाग का अमला और लाखो का बजट खर्च किये जाने के बाद भी वन विभाग अवैध शिकार को नहीं रोक पा रहा है |

गरियाबंद वन मंडल अन्तर्गत वन परिक्षेत्र मैनपुर के गोबरा जंगल में भालू का अवैध शिकार किया गया है | एक भालू की मौत की खबर से वन विभाग में हड़कंप मच गया वन विभाग के एसडीओ राजेंद्र प्रसाद सोरी वन परिक्षेत्र अधिकारी संजीत मरकाम तत्काल मौके पर पहुंचे और पंचनामा तैयार कर डाक्टरों की उपस्थिति में पोस्टमार्टम कर दाह-संस्कार किया गया | वन परिक्षेत्र अधिकारी मैनपुर संजीत मरकाम ने बताया गोबरा जंगल के निरिक्षण में गये थे इस दौरान कक्ष क्रमांक 980 में एक मादा भालू मृत अवस्था में पाया गया भालू के सिने में घाव का निशान है | भालू के सीने में घाव का निशान होना साबित कर रहा है की भालू पर अवैध शिकारियों के द्वारा ही हथियार से हमला कर भालू को मार डाला गया है |

गरियाबंद वन मंडल में अवैध शिकार करने उड़ीसा और कांकेर क्षेत्र से आते है शिकारी

गरियाबंद वन मंडल में अवैध शिकार करने के लिए उड़ीसा और कांकेर क्षेत्र से शिकारी आते है और बड़े आराम से अवैध शिकार को अंजाम दे कर चले भी जाते है और वन विभाग को कानो कान खबर नहीं होती है | उड़ीसा और कांकेर क्षेत्र के शिकारी गरियाबंद वन मंडल के जंगलो में वन्यप्राणी का शिकार करने के लिए जाल और फंदे लगाते है फिर फंदे में वन्यप्राणी फसने पर तीर भाला से मार डालते है और दांत , नाख़ून, खाल , हड्डी आदि को निकाल कर बड़े शहरो के तस्करों को बेच दिया जाता है |

बाहरी लोगो के आने की जानकारी देने पर भी वन विभाग नहीं देता ध्यान

इलाके में कई सालो से बाहरी लोगो का अवैध रूप से आजा जाना लगा रहता है उन बाहरी लोगो की गतिविधिया बहुत संदिग्ध होती है | बाहरी लोगो के आने जाने की जानकारी ग्रामीणों के द्वारा लगातार वन विभाग को दिया जाता रहा है परन्तु वन विभाग के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है जिसका परिणाम यह हुआ है की गरियाबंद वन मंडल अवैध शिकार का केंद्र बन गया है | गरियाबंद वन मंडल में अवैध शिकार करने के लिए उड़ीसा और कांकेर क्षेत्र से शिकारी आते है और बड़े आराम से अवैध शिकार को अंजाम दे कर चले भी जाते है

“ मामला बहुत गंभीर है तुरंत ही जांच कार्यवाही किया जाएगा “ – राजेश पांडे , मुख्यवन संरक्षक ( वन्यप्राणी )