मैनपुर। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 7 किलोमीटर दुर ग्राम गिरहोला गांव कें भीतर खाली पडे इंदिरा आवास में सोमवार रात जंगली मादा भालू ने एक स्वस्थ्य शावक को जन्म दिया था। जिसकी खबर मंगलवार को ग्रामीणो के माध्यम से वन विभाग को लगने के बाद से वन विभाग के स्थानीय अधिकारी कर्मचारियों द्वारा लगातार भालू के शावक की देखरेख किया जा रहा था। साथ ही यह इंतजार किया जा रहा था कि मादा भालू जंगल से अपना शावक को लेने के लिए वापस आयेगा। इस इंतजार में मंगलवार, बुधवार को दिनरात वन विभाग के अधिकारी दूर से निंगरानी कर रहे थे और विभाग इस नन्हे शावक के खानपान को लेकर भी चिंतित हो गया था। लेकिन बुधवार रात को भी जंगल से मादा भालू अपने बच्चें को वापस लेने के लिए नहीं पहुंची और अनंत: बीते रात लगभग 03 और 04 बजे के बीच यह भालू का शावक दम तोड दिया। हालांकि वन विभाग द्वारा आज सुबह मौके पर पहुंचकर डॉक्टर से पोस्टमार्डम करवाकर पंचनामा के बाद नियमानुसार भालू के शावक का दहसंस्कार किया गया।
प्रारंभिक दौर पर इसकी मृत्यू की जो बाते बताई जा रही है, कि भालू की शावक की मौत ठंड की वजह से हुआ है। जिसे लेकर क्षेत्र के वन जीव प्रेमियो में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। क्षेत्र के वन जीव प्रेमियों ने वन विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि समय रहते भालू के इस नन्हे शावक को नंदनवन, या जंगल सफरी ले जाया जाता तो यह भालू के शावक का निश्चित रूप से जान बचाई जा सकती थी क्योंकि जंगली मादा भालू ने गांव के भीतर खाली पडे एक मकान में अपने बच्चें को जन्म देकर जंगल के तरफ चले गया। तब से इस बच्चें को दुध नहीं मिल पाया और शायद दुधमुहे शावक की मौत की कई वजह हो सकती है। जो पोस्टमार्डम रिर्पोट के बाद सामने आयेगी।