भिलाई स्टील प्लांट में बायोमेट्रिक अटेंडेंस का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले की सुनवाई अब सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल कम लेबर कोर्ट (CGIT) जबलपुर करेगा। 25 फरवरी 2025 को दोनों पक्ष CGIT के समक्ष अपना स्टेटमेंट ऑफ क्लेम फाइल करेंगे।
आपको बता दें कि भिलाई स्टील प्लांट में 1 जुलाई 2024 से बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को लागू कर दिया गया है। बीएसपी की संयुक्त यूनियन ने इसकी शिकायत केंद्रीय मुख्य श्रम आयुक्त रायपुर में की थी। उन्होंने मामले में परिवाद दायर करते हुए दलील दी थी कि बिना यूनियन से चर्चा किए इस सिस्टम को लागू किया गया, जो कि नियम के खिलाफ है।
संयुक्त यूनियन के नेताओं ने श्रम आयुक्त के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बिना यूनियन से चर्चा करके इसे अचानक लागू कर देना ठीक नहीं है। पहले संयंत्र के भीतर और बाहर सड़क, सुरक्षा के इंतजाम, संयंत्र में प्रवेश करते समय गेटों की संख्या, संयंत्र के भीतर टॉयलेट, कैंटीन, स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था करना चाहिए। जब यह व्यवस्था बेहतर हो जाएं तब उसके बाद इस सिस्टम को लागू किया जाना चाहिए।
यूनियन नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस का आदेश जारी करके स्थाई आदेश की धारा 7 का उल्लंघन किया है। इसलिए श्रम आयुक्त से इसे बंद करने की मांग की गई थी।
पांच मिनट की रियायत को बताया गलत
संयुक्त यूनियन ने यह बात रखी कि सेल की दूसरी यूनिट इस्को बर्नपुर में भी बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू है। वहां 15 मिनट तक देर से आने वाले कर्मचारियों की अटेंडेंस को मान्य किया जाता है। भिलाई स्टील प्लांट में ऐसा नहीं है। यहां मात्र 5 मिनट की ही रियायत दी जा रही है। उन्होंने बर्नपुर के आदेश की कॉपी भी डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर के सामने पेश किया।
25 फरवरी को सुबह 10.30 बजे से होगी सुनवाई
बीएसपी प्रबंधन और यूनियन के बीच हुई बैठकों में कोई भी सहमति ना बन पाने के कारण फैलियर ऑफ काउंसिलेशन दिया गया। इसके बाद अब इस मामले की सुनवाई सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल कमल लेबर कोर्ट (CGIT) जबलपुर होगी। यहां के कोर्ट ने दोनों पक्षों को 25 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। वहां सुबह 10.30 बजे से सुनवाई होगी। इसमें दोनों पक्ष अपना स्टेटमेंट ऑफ क्लेम फाइल करेंगे।