पहली बार राजापड़ाव क्षेत्र में साहसिक कदम, भूतबेड़ा कोचेंगा गरीबा के सिरहा गुनिया, बैगा झाँकर,पटेल ने दारू छोड़ने का लिया संकल्प

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/मैनपुर। गरियाबंद जिला के विकासखंड मैनपुर क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य इलाका राजापडा़व से एक बहुत बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। जहां भूतबेडा़,गरीबा,कोचेंगा गांव के झाँकर,पटेल,गुनिया, सिरहा, बैगा ने कोई भी देवी कार्य में शराब का सेवन नहीं करने का ऐतिहासिक एवं साहसिक संकल्प लिया है।अगर किसी ने देख लिया तो पीने वालों से सबूत के आधार पर पचास हजार रूपये सामाजिक व्यवस्थागत राशि लेते हुए देखने वालों को पच्चीस हजार रूपये दिया जावेगा।

बाकायदा भूतबेडा़ शीतला मंदिर के सम्मुख बैठक में लिया गया निर्णय है।ज्ञात हो,कि परंपरा के अनुसार जब भी कोई देवीय कार्य या सिरहा, गुनिया के द्वारा बीमार व्यक्तियों के झाड़ फूंक किया जाता है,तो अंतिम मे निश्चित तौर पर दारू का प्रचलन होता ही है। दारू (शराब)निश्चित तौर से घर परिवार समाज एवं स्वयं के लिए नुकसानदायक है। जिससे आर्थिक, मानसिक, शारीरिक क्षति ही होना है।

ऐसा स्वीकारोक्ति बहुत सोच समझ कर लिया गया है जो आने वाला भविष्य में सभ्य एवं सपन्न समाज की ओर अग्रसर की भूमिका निभाई।
देवी देवताओं में महुआ शराब का तरपनी से काम चलाते हुए स्वयं नहीं लेने का निर्णय का क्षेत्र में चर्चा जोरों से है।

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