कोर्ट के फैसले में हेरफेरी करके हार को बदल दिया जीत में, जानिये..कैसे हुआ भंडाफोड़

Chhattisgarh Crimes

सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में जालसाजी का अनूठा मामला सामने आया है। आमतौर पर आदमी कितना ही रसूख वाला क्यों ना हो,न्यायालय के आदेश के साथ छेड़छाड़ नहीं करता। पर यहां एकदम उलटा हुआ है। न्यायालय के आदेश के साथ छेड़छाड़ कर मिली हार को जीत में बदल दिया और अपने हिसाब से फैसले पर अमल भी कराते रहे। अचरज की बात ये कि सरकारी महकमा भी जालसाजों के हां में हां मिलते रहे। कलेक्टर सरगुजा विलास भोसकर की नजर पड़ गई। आदेश की काफी को जब उन्होंने पढ़ना शुरू किया तो सभी आदेशों में अमूमन एक ही तरह के शब्दों का प्रयोग मिला। उनको कूटरचना की आशंका हुई। राजस्व मंडल में आदेश की कापी भेजकर जांच कराने की बात कही। राजस्व मंडल के अफसरों ने जब ओरिजनल आदेश की कापी से मिलान किया तब अफसरों के होश उड़ गए। राजस्व मंडल में आदेश की जो कापी थी उससे कलेक्टर कार्यालय से भेजी गई कापी एकदम अलग। मूल कापी से अलग होने के कारण आदेश में कूटरचना कर इसे अपने पक्ष में कर लिया था।

जालसाजों का दुस्साहस देखिए राजस्व मंडल के आदेश की कापी में कूटरचना कर तहसील कार्यालय में अपने हिसाब से इस पर अमल भी कराते रहे। कलेक्टर भोस्कर ने पांच ऐसे मामलों को पकड़ा है जिसमें राजस्व मंडल ने मामले को खारिज कर दिया था। जिसे कूटरचना कर जीत में बदल दिया है।

एक जैसे शब्दावली और एक जैसा ही आदेश

कलेक्टर भोसकर ने राजस्व मंडल के जिन पांच फैसले को पढ़ा उसमें आदेश की शब्दावली एक समान थी। एक समान प्रकृति का आदेश न्यायालय से पारित नहीं हो सकता। तथ्य के हिसाब से न्यायालय फैसला सुनाता है और इसी अनुसार शब्दावली रहती है। पांच मामलों में एक तरह की शब्दावली और आदेश भी एक समान प्रकृति का था।

अवर सचिव ने की पुष्टि

राजस्व मंडल बिलासपुर के अवर सचिव ने स्पष्ट किया कि आदेशों में कूटरचना गंभीर आपराधिक कृत्य है। संबंधितों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीकृत करने का आदेश राजस्व मंडल ने जारी किया है। राजस्व मंडल के आदेश के बाद कलेक्टर भोसकर ने 5 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस ने सभी पांचों जासाज के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया है।

पांच के खिलाफ एफआइआर

राजपुर के अशोक अग्रवाल,प्रेमनगर के घनश्याम अग्रवाल, मणिपुर अंबिकापुर के फारुख तथा नवागढ़ अंबिकापुर के जैनुल हसन फिरदौसी तथा मानिकप्रकाशपुर निवासी बसीरुद्दीन सिद्दीकी शामिल हैं। इनमें से चार लोगों ने तहसील न्यायालय अंबिकापुर तथा एक व्यक्ति ने नायब तहसीलदार अंबिकापुर – दो के कोर्ट में कूटरचित दस्तावेज पेश कर आदेश का क्रियान्वयन करने आवेदन पेश किया था।

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