रायपुर। ट्रांसपोर्टरों की मालभाड़े को लेकर चल रही हड़ताल का तो समाधान हो गया है, पर सीमेंट उद्योगों से माल परिवहन के लिए जो 12 फीसदी भाड़ा बढ़ाया गया, उसका पूरा भार अब ग्राहकों पर ही आ गया है। सीमेंट कंपनियों ने 15 रुपए प्रति बोरी सीमेंट पर कीमत बढ़ा दी है। ऐसा होने से बाजार में सीमेंट चिल्हर में तीन सौ रुपए के पार हो गया है। ऐसा छह साल बाद हुआ है कि सीमेंट की कीमत इतनी बढ़ गई है। मालभाड़े को लेकर प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों ने विगत 26 फरवरी से हड़ताल कर दी थी, किसी भी सीमेंट प्लांट से माल का परिवहन नहीं होने से बाजार से सीमेंट पूरी तरह से गायब हो गया था। इसका फायदा उठाकर सीमेंट की कालाबाजारी होने के साथ दूसरे राज्यों का सीमेंट यहां लाकर बेचा जा रहा है। प्रदेश के मंत्री मोहम्मद अकबर के प्रयासों से दो दिनों तक चली बैठक के बाद हड़ताल समाप्त हो गई है। दस सीमेंट कंपनियां नया भाड़ा देने तैयार हो गई हैं। इन कंपनियों का माल भी बाजार में पहुंच गया है।
सीमेंट की कीमत बढ़ाने के पीछे का कारण सीमेंट उद्योग से जुड़े लोग यह बताते हैं कि ट्रांसपोर्टरों ने जो भाड़ा बढ़ाया है, वह महज सीमेंट उठाने का नहीं है, बल्कि प्लांटों में जो कोयला, फ्लाई एश, बारदाना और अन्य रॉ-मटेरियल आता है, उस पर भी भाड़ा 12 फीसदी बढ़ा है। इस सबका का औसत निकालकर भाड़ा बढ़ाया गया है। इधर जानकारों का यह भी कहना है, 23 दिनों तक प्लांट में काम न होने के कारण जो घाटा हुआ है, उसकी भी भरपाई करने के लिए कीमत में ज्यादा इजाफा किया गया है। सीमेंट कंपनियों ने प्रति बोरी सीमेंट पर 15 रुपए दाम बढ़ा दिए हैं। डीलरों ने बताया, सीमेंट की कीमत पहले थोक में अलग-अलग कंपनियों की 260 से 274 रुपए थी। अब इस कीमत में इजाफा हो गया है। नामी कंपनियों का सीमेंट थोक में 289 रुपए में मिल रहा है। ऐसे में चिल्हर में तीन सौ और इससे ज्यादा पर बिकेगा। इसी के साथ सीमेंट विक्रेताओं की दुकान से ग्राहक को अपने घर तक या फिर अपनी साइट तक माल ले जाने का भाड़ा अलग से देना पड़ेगा।