शिक्षा से वंचित छात्रों का दोषी कोन ! जान जोख़िम में डाल बोर्ड परिक्षार्ति ले रहें शिक्षा

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

मैनपुर। आदिवासी अंचल में शिक्षा विभाग किस तरह से शिक्षा की अलख जगा रही है अगर यह देखना और समझना हैं तो मैनपुर ब्लाक मुख्यालय से 55 किलो मीटर दूर ध्रवागुडी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में देखा जा सकता है। शासन द्वारा इसे हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन तो कर दिया पर बच्चों के बैठने के लिए कमरा बनाना भूल गई। कमरे के आभाव में जहां कक्षा नवमी और ग्यारहवीं की कक्षाएं नहीं लग रही है अधिकारियों ने भी बच्चों को अघोषित छुट्टी देकर अपने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है वहीं दसवीं और बारहवीं के बच्चे अपनी जान जोख़िम में डाल कर जर्जर भवन में बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए है।

हैरत यहां इस बात की है नेशनल हाईवे130 से लगें होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने यहां जाकर स्थिति की और झांकना तो छोड़ दीजिए मैदानी कर्मचारियों द्वारा बताए जाने के बाद भी वहा की समस्या को दूर करना जरूरी नहीं समझा हैं अब तक। ऐसा हालात तो नेशनल हाईवे से लगें स्कूल का हैं ऐसे में यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुर्गम इलाकों में शिक्षा का क्या हाल होगा। बहरहाल नए कलेक्टर ने पदभार ग्रहण कर लिया है और जिस तरह से उन्होंने जनसरोकार को प्राथमिकता देते हुए कलेक्ट्रेट में अमूलचुल परिवर्तन किया है उससे इस विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियो और उनके पालकों को एक उम्मीद हैं कि उनकी इस दिक्कत का कुछ ना कुछ समाधान अवश्य निकलेगा।

मैनपुर विकासखण्ड मुख्यालय से लगभग 55 किमी दूर नेशनल हाइवे 130 सी के ऊपर बसे ग्राम ध्रुवागुड़ी मे शासन द्वारा वर्ष 2001 -02 मे हाईस्कूल प्रारंभ किया गया ग्रामीणो के मांग पर और छात्रो की बढ़ती संख्या को देखते हुए वर्ष 2012 -13 मे इस हाईस्कूल को हायर सेकेण्डरी स्कूल के रूप मे उन्नयन किया गया। आज से लगभग 10 वर्ष पहले ग्राम ध्रुवागुड़ी मे शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तो प्रारंभ कर दिया गया लेकिन आज तक यहां हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल का भवन निर्माण नही किया गया कई बार भवन निर्माण की मांग को लेकर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, ग्रामीण, छात्र -छात्राएं जन समस्या निवारण शिविर और मैनपुर तथा गरियाबंद पहुंचकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियो को मांगपत्र आवेदन दे -देकर थक चुके लेकिन अब तक भवन निर्माण नही किया गया जिसके कारण यहां मिडिल स्कूल भवन के एक मात्र अतिरिक्त कमरा तथा एकदम जर्जर हो चुके कवेलु वाला वर्षो पुराने स्कूल भवन के बरामदे मे बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं की कक्षाएं संचालित किया जा रहा है यह कवेलु वाला जर्जर भवन इतना ज्यादा जीर्ण-शीर्ण हो गया है कि लकड़ी के खम्भे के सहारे छत को जैसे -तैसे सहारा देकर जान जोखिम मे डालकर आदिवासी क्षेत्र के सैकड़ो बच्चे अपने सुनहरे भविष्य गढ़ रहे है और भवन नही होने तथा कमरो की कमी के कारण यहां हाईस्कूल कक्षा 9वीं और हायर सेकेण्डरी स्कूल कक्षा 11वीं के सैकड़ो छात्र -छात्राओ को अघोषित रूप से छुट्टी दे दिया गया है इन बच्चो के लिए स्कूल मे जगह नही होने के कारण ये बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे है।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ध्रुवागुड़ी मे कुल 216 छात्र -छात्राएं अध्यनरत है और कक्षा 9वीं मे 62, कक्षा 10वीं मे 60, कक्षा 11वी मे 51 एवं कक्षा 12वीं मे 43 छात्र -छात्राएं अध्यनरत है यहां शिक्षको की पर्याप्त व्यवस्था है 9 व्याख्याता यहां पदस्थ है।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ध्रुवागुड़ी के प्राचार्य मोतीलाल कोमर्रा ने बताया मात्र एक अतिरिक्त कमरा और बरामदे मे बोर्ड कक्षाएं 10वीं और 12वीं की कक्षाएं संचालित हो रहा है यहां कमरा नही है भवन का अभाव है ऐसे मे कक्षा 9वीं और कक्षा 11वीं के बच्चो को छुट्टी देने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता भी नही है,

विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी आर आर सिंह ने बताया शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ध्रुवागुड़ी मे भवन नही होने के कारण कक्षा 9वीं और 11 वीं की कक्षाएं नही लग रही है कई बार इसकी जानकारी उच्च अधिकारियो को भेजा जा चुका है।

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