जानकारी के मुताबिक, वन विभाग की टीम लगातार हाथियों की निगरानी कर रही है। साथ ही ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने के लिए सतर्क किया जा रहा है। इससे हाथी और मानव के बीच संघर्ष को रोका जा सकेगा।
चिंघाड़ सुनकर सहमे ग्रामीण
ग्रामीणों के अनुसार, देर रात हाथियों की चिंघाड़ सुनकर वे डर गए थे। एक साथ इतने हाथियों को देखकर उनके हाथ-पांव कांपने लगे थे। रात भर सभी परिवार घरों में डरे हुए थे। उन्हें चिंता थी कि कहीं हाथी गांव की तरफ न आ जाएं।
वन अमला ने हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा
वन विभाग के कर्मचारियों और हाथी मित्र दल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर तड़के सुबह हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा। तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। उनका कहना है कि हाथियों का झुंड पिछले कई महीनों से इस क्षेत्र में विचरण कर रहा है।
किया जा रहा बर्बाद फसलों का आकलन
इससे उन्हें लगातार डर बना रहता है और फसलों का नुकसान भी हो रहा है। डीएफओ कुमार निशांत ने बताया कि, बर्बाद फसलों का आकलन किया जा रहा है, ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके।