प्रतिनिधिमंडल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (आईजी-केवी) का दौरा कर धान की कई प्रजातियों पर हो रहे रिसर्च और पढ़ाई की प्रक्रिया को समझेगा। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने के लिए स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत उज्बेकिस्तान से छात्रों का पहला दल छत्तीसगढ़ की यात्रा पर आएगा।
इस दल में आईसीएआर का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा, जो मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करेगा।
ब्रेन स्टॉर्मिंग और इंट्रैक्शन होगा 21 अगस्त को
आईजीकेवी में 21 अगस्त को उज्बेक छात्रों का विशेषज्ञों के साथ ब्रेन स्टॉर्मिंग और इंट्रैक्शन होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन इन तैयारियों में जुट गया है।
आईजीकेवी -डेनाऊ इंस्टीट्यूट के बीच एमओयू
आईजीकेवी और उज्बेकिस्तान के डेनाऊ इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप एंड पेडालॉजी (DIEP) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। इस एमओयू पर आईजीकेवी के कुलपति डॉ. चंदेल और डीआईईपी के रैक्टर प्रो. ऑटोबेक रोजिव ने हस्ताक्षर किए।
समझौते के तहत दोनों संस्थानों के विद्यार्थी स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध पाठ्यक्रमों के लिए एक-दूसरे के संस्थानों में अध्ययन कर सकेंगे। इसके अलावा, दोनों विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और वैज्ञानिक भी परस्पर संस्थानों में जाकर शिक्षा और अनुसंधान कार्य करेंगे। यह सहयोग कृषि, पर्यावरण, जल संरक्षण और विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में रिसर्च और शिक्षा को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की अंतरराष्ट्रीय साझेदारी से न सिर्फ छात्रों को बल्कि पूरे प्रदेश को आधुनिक तकनीकी ज्ञान और वैश्विक रिसर्च का फायदा मिलेगा। छत्तीसगढ़ के लिए यह अवसर कृषि अनुसंधान और शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के छात्र जाएंगे तीन देशों की यात्रा पर
छत्तीसगढ़ से भी छात्र-छात्राओं का दल उज्बेकिस्तान के अलावा ऑस्ट्रेलिया, घाना और साउथ अफ्रीका की यात्रा पर जाएगा। छात्र विदेशों के विश्वविद्यालयों में शिक्षा और रिसर्च से जुड़े अनुभव हासिल करेंगे। इस एक्सचेंज प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को वैश्विक शिक्षा प्रणाली, नई तकनीकों और रिसर्च पद्धतियों को सीखेंगे।
छात्रहित के लिए ऐसे प्रोग्राम का होता है आयोजन- कुलपति
कुलपति डॉ. गिरिश चंदेल ने कहा कि “स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम छात्रों और अध्यापकों के लिए एक बेहतरीन पहल है, जिससे शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी।”