बस्तर शांति समिति के बैनर तले इकट्ठा हुए आदिवासियों ने कहा कि बी. सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम आंदोलन पर प्रतिबंध लगाकर माओवादियों को ताकत दी। सलवा जुडूम से नक्सली कमजोर पड़ चुके थे और खत्म होने की कगार पर थे, लेकिन दिल्ली में बैठे तथाकथित समर्थकों के दबाव में इसे रोक दिया गया।
पीड़ितों का आरोप है कि यह फैसला बिना स्थानीय लोगों की राय के लिया गया और जमीनी हकीकत को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। नक्सल पीड़ितों का आरोप है कि बी. सुदर्शन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में सलवा जुडूम आंदोलन पर रोक लगाई। इससे बस्तर में नक्सलवाद और गहराता गया।