वाहन मालिक छुड़ाने की प्रक्रिया की जटिलता के कारण सामने नहीं आते। कई गाड़ियां मुकदमों में फंसी हैं। इनकी नीलामी न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही संभव है। थानों में खड़े वाहनों से जगह की कमी हो रही है। साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।
पुलिस ने नीलामी के लिए इश्तहार जारी कर दिया है। एक महीने में दावा नहीं आने पर वाहनों की नीलामी कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया से थानों में जगह खाली होगी। पुलिसिंग में सुधार आएगा। नीलामी से सरकार को राजस्व मिलेगा। नीलामी प्रक्रिया पूरी होने में तीन से चार महीने का समय लगेगा। साथ ही नारकोटिक्स और गौ-तस्करी में जब्त गाड़ियों के निराकरण की कार्रवाई भी चल रही है।
थानों में कबाड़ बन चुके वाहनों का समाधान नीलामी ही है। यदि यह प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से जारी रही तो पुलिस को जगह और संसाधन दोनों मिलेंगे और गाड़ियां भी बेकार नहीं जाएंगी।