भिलाई इस्पात प्रबंधन के खिलाफ FIR

Chhattisgarh Crimesभिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) में तीन साल पहले हुई ठेका श्रमिक की मौत के मामले में आखिरकार प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और गवाहों के बयान सामने आने के बाद भिलाई भट्टी थाना पुलिस ने बीएसपी प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (ए) के तहत अपराध दर्ज किया है। इस कार्रवाई के बाद संयंत्र प्रबंधन में हड़कंप मच गया है।

9 जून 2022 की दोपहर करीब 2:30 बजे बीएसपी के एसएमएस-2 कन्वर्टर शॉप में ठेका श्रमिक अर्जुन साहू (42) पुत्र पुनु साहू, निवासी बजरंग चौक जोरातरई, उतई, जिला दुर्ग की काम के दौरान मौत हो गई थी। हादसे के वक्त अर्जुन कन्वर्टर ए के ड्राइव स्प्रोकेट में लगी ट्रांसमिशन चैन के नीचे आ गया था। चैन गिरने से उसके सिर में गंभीर चोट लगी और उसे तत्काल बीएसपी अस्पताल के मेन मेडिकल पोस्ट ले जाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण हादसा

तत्कालीन जांच में इस मौत को आकस्मिक बताया गया था और भिलाई भट्टी थाना में मर्ग क्रमांक 23/2022 धारा 174 जा फौ के तहत मामला दर्ज किया गया था। लेकिन पुलिस ने गवाहों के बयान, अस्पताल से मिली मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम के निष्कर्षों को संकलित कर पाया कि यह दुर्घटना प्रबंधन की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण हुई।

सुरक्षा मानकों में बरती गई लापरवाही

बताया जा रहा है कि घटना के दौरान मौजूद अमरदास, धनीराम बंजारे, कुंजलाल बघेल समेत अन्य सहकर्मियों के बयान दर्ज किए गए। बयान के आधार पर यह बात साबित हुई कि संयंत्र में सुरक्षा उपाय पर्याप्त नहीं थे। जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां मशीनरी की देखरेख और कार्यस्थल की सुरक्षा को लेकर प्रबंधन गंभीर नहीं था।

गवाहों के मुताबिक, दुर्घटना टाली जा सकती थी, यदि सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता। पुलिस अब उन वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने में जुटी है, जिनकी लापरवाही से यह हादसा हुआ। जांच पूरी होने पर आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा।

अफसरों पर भी गिर सकती है गाज

भट्टी पुलिस ने शनिवार को अपराध क्रमांक 126/2025 धारा 304 (ए) भादवि के तहत बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच के दायरे में संयंत्र के कार्यपालक निदेशक, मुख्य महाप्रबंधक, सहायक महाप्रबंधक और मैनेजर स्तर के अफसर आ सकते हैं। इन पर लापरवाही का ठोस आधार मिलने के बाद कार्रवाई तय है। बताया जा रहा है कि पूरे मामले की विवेचना चल रही है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के बाद स्पष्ट है कि श्रमिक की मौत प्रबंधन की उपेक्षा से हुई। अब जिम्मेदार अफसरों की भूमिका की जांच होगी। धारा 304 (ए) भारतीय दंड संहिता के तहत लापरवाही से हुई मौत पर लागू होती है। इसमें दोषी पाए जाने पर दो साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद संबंधित अफसरों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।

Exit mobile version